दास ने कहा कि इस वैश्विक वायरस से भारत भी अछूता नहीं रहा है, अब तक देश में 100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड 19 व्यापार चैनलों के माध्यम से भारत को सीधे प्रभावित कर सकता है, जिसमें चीन से होने वाला जोखिम बहुत अधिक है।’
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, ‘महामारी के प्रभाव का दूसरे दौर से घरेलू आर्थिक विकास में मंदी आ सकती है और यह स्पष्ट रूप से वैश्विक विकास में मंदी का परिणाम होगा और उसी के एक हिस्से के रूप में भारत में विकास की गति भी कुछ हद तक प्रभावित होगी।’ इसके अलावा यस बैंक के मामले में उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक और भारत सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है। यस बैंक से रकम निकासी पर लगाया गया प्रतिबंध बुधवार 18 मार्च से हटा लिया जाएगा।’
शक्तिकांत दास ने कहा कि, ‘मैं यस बैंक के खाताधारकों को यह यकीन दिलाना चाहता हूं कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है और उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। किसी भी अनुचित चिंता का कोई कारण नहीं है। गवर्नर ने कहा कि नया बोर्ड जल्द ही अपने कार्य को शुरू करेगा और प्रशासक का कार्यालय 26 मार्च को अस्तित्व में आएगा।’
दास ने कहा कि इस वैश्विक वायरस से भारत भी अछूता नहीं रहा है, अब तक देश में 100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड 19 व्यापार चैनलों के माध्यम से भारत को सीधे प्रभावित कर सकता है, जिसमें चीन से होने वाला जोखिम बहुत अधिक है।’
दास ने कहा कि जहां तक भारतीय अर्थव्यवस्था का संबंध है, भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखला से अपेक्षाकृत अछूता है, इस हद तक भारत पर प्रभाव कम होगा। लेकिन भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है इसलिए इस पर कुछ प्रभाव पड़ेगा।
शक्तिकांत दास ने कहा कि पर्यटन, हॉस्पिटैलिटी और एयरलाइंस समेत कई सेक्टर्स पर इसका असर पड़ रहा है। वित्तीय बाजार की सेहत ठीक रखने के लिए आरबीआई ने जरूरी कदम उठाया है।
उन्होंने कहा कि आरबीआई मौजूदा ब्याज दर पर एक लाख करोड़ रुपये तक कई किश्त में एलटीआरओ (लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन) करेगा। इसके बाद इसका रिव्यू भी किया जाएगा। साथ ही उन्होंने 23 मार्च को एक और छह महीने के अमेरिकी डॉलर / रुपये की बिक्री-खरीद स्वैप का प्रस्ताव रखा है।
इसके अतिरिक्त ब्याज दरों में कटौती पर उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर यह फैसला केवल मौद्रिक समीक्षा नीति बैठक में ही लिया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि एमपीसी की अगली बैठक में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है।