नई दिल्ली- भारतीय रिजर्व बैंक RBI ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा के तहत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने अनुमानों के अनुरूप रेपो रेट को 6.75 फीसदी और सीआरआर को 4 फीसदी पर बनाए रखने का फैसला किया है। देश में बढ़ते महंगाई बढ़ने के दबाव के साथ-साथ 29 फरवरी को पेश होने वाले बजट पर भी आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की नजर है।
दिसंबर के आंकड़ों के मुताबिक थोक महंगाई दर -0.73 फीसदी और रिटेल महंगाई दर 5.51 फीसदी रही। ऐसे में अब माना जा रहा है कि बजट 2016-17 के बाद ही रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती करेगा। 2016 की यह पहली क्रेडिट पॉलिसी है।
राजन ने समीक्षा जारी करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक खुदरा महंगाई के पांच फीसदी पर रहने का अनुमान है। हालांकि, उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने पिछली समीक्षा में महंगाई बढ़ने की आशंका जतायी थी और उसी के अनुरूप महँगाई का रुख देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पांचवी द्विमासिक समीक्षा के बाद से वैश्विक विकास में सुस्ती आयी है और उभरते हुए बाजारों में मंदी का रुख बना हुआ है।
हालांकि, अवस्फीति का खतरा कम हुआ है। विश्व व्यापार में भी नरमी जारी है और इसकी वजह से कमोडिटी की कीमतें नये निचले स्तर पर आ गयी हैं। उन्होंने कहा कि उभरते हुए बाजारों से कमोडिटी निर्यात भी प्रभावित हुआ है और मुद्रा में गिरावट तथा सुस्त निर्यात के बीच ऊँची महँगाई दर बनी हुयी है। आईएएनएस