नई दिल्लीः सहकारी बैंकों में धोखाधड़ी के मामलों पर रोक लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केंद्रीय बोर्ड में निदेशक सतीश मराठे ने सरकार से सभी शहरी सहकारी बैंकों के नियमन को लेकर रिजर्व बैंक को पूरी शक्तियां देने को कहा है।
हाल ही में सात राज्यों में फैले पंजाब व महाराष्ट्र सहकारी ( PMC ) बैंक में हुए घोटाले की खबर पूरे देश में चर्चा में रही थी। घोटाले की जानकारी रिजर्व बैंक को एक व्हिसलब्लोअर के माध्यम से मिली, जिसके बाद 23 सितंबर को केंद्रीय बैंक ने पीएमसी को अपने नियंत्रण में ले लिया और नगद निकासी की सीमा तय कर दी गई। घोटाले की वजह से कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है। पीएमसी बैंक से जमाकर्ताओं को अपनी राशि निकालने में कठिनाइयां हो रही हैं, जिसके चलते मराठे ने यह बात कही।
इस संदर्भ में सतीश मराठे ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा और कहा कि सहकारी बैंक क्षेत्र के लिए एक रूपरेखा तैयार करने के लिए व्यापक आधार वाली समिति बननी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि समिति में रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय, कृषि मंत्रालय और कम-से-कम दो लोग प्रख्यात सहकारी संस्थानों से होने चाहिए।
पीएमसी बैंक घोटाले की घटना से एक बार फिर देश की बैंकिंग व्यवस्था को आघात पहुंचा है। ऐसी सूचनाएं प्राप्त हुई हैं कि यह घोटाला करीब 7000 करोड़ रुपये का है। देशभर में इस बैंक की 137 शाखाएं हैं और लगभग 51 हजार सदस्य हैं। इन सदस्यों ने पीएमसी में 11,617 करोड़ रुपये जमा किए हुए हैं।
पीएमसी देश का 24वां ऐसा सहकारी बैंक है, जिसे आरबीआई ने अपने नियंत्रण में लिया है। वहीं देशभर के 26 बैंक इस समय केंद्रीय बैंक के नियंत्रण में हैं। मार्च 2019 तक देश में 1542 शहरी सहकारी बैंक थे जबकि 2018 में इनकी संख्या 1551 थी। यानी एक साल में नौ सहकारी बैंक कम हो गए।
आगे मराठे ने कहा कि केवल बहु-राज्य सहकारी समिति कानून में संशोधन करना पर्याप्त नहीं होगा। बता दें कि शुक्रवार को सीतारमण कहा था कि सरकार सहकारी बैंकों के प्रभावी नियमन को लेकर कानून लाएगी ताकि वे भी उन नियमों का पालन करें जो वाणिज्यक बैंकों के लिये है।