नई दिल्ली – आरक्षण पर जारी बहस के बीच नेशनल कमीशन फॉर बैकवर्ड क्लासेस (NCBC) के प्रमुख ने अहम बयान दिया है। जस्टिस वी. ईश्वरैया का कहना है कि एनसीबीसी ऊंची जाति के आर्थिकरूप से पिछड़े लोगों को भी ओबीसी सूची में शामिल करने को तैयार है।
जस्टिस ईश्वरैया के मुताबिक, जाति की तरह लोगों की आर्थिक स्थिति भी उनके पिछड़ेपन की चिह्नक है। मंडल कमीशन पर अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पिछड़े वर्गों की पहचान के लिए सरकार को जाति के अलावा अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देना चाहिए। ‘धंधा और आय’ ऐसा ही एक विकल्प हो सकता है।
एक अंग्रेजी अखबार से चर्चा में जस्टिस ईश्वरैया ने कहा, यदि कोई व्यक्ति सालों से रिक्शा चलाकर पेट पाल रहा है, तो उसे ओबीसी माना जाएगा।
मालूम हो, राजनीतिक दल भी इसकी मांग कर रहे हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने संविधान दिवस पर राज्यसभा में दिए अपने वक्तव्य में यही बात उठाई थी। राजस्थान की भाजपा सरकार इस दिशा में नियम बना चुकी है।