नई दिल्ली – राज्यसभा में पेश होने के बाद रियल एस्टेट बिल को लोकसभा में पेश किया गया। सदन में इस बिल पर चर्चा हुई। बिल्डरों पर नकेल कसने वाले इस बिल को कांग्रेस ने समर्थन देने का फैसला किया है। शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने लोकसभा में बिल की महत्वपूर्ण बातों को सदस्यों से साझा की। इस बीच कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम इस बिल को पास करना चाहते हैं।
वेंकैया नायडू ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार इस बिल के माध्यम से देश में व्यापार करनेवाले लोगों को सहुलियत देना चाहती है’। उन्होंने कहा ‘बिना सुधारों के हम आगे नहीं बढ़ सकते’। नायडू ने सदन को बताया कि साल 2013 से यह बिल संसद में लंबित है। 10 मार्च को इसे राज्यसभा से मंजूरी मिली। इस बिल में ग्राहकों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि बिल्डरों को कारपेट एरिया के हिसाब से दाम तय करने होंगे न कि सुपर बिल्ट-अप एरिया से। बिल में साफ किया गया है कि कारपेट एरिया में किचन और टॉयलेट भी शामिल होंगे। ‘रियल एस्टेट रेगुलेटर बिल’ सभी रेजीडेंशियल व कॉमर्शियल प्रोजेक्ट पर लागू होगा। साथ ही उन सभी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट पर लागू होगा जिनमें 500 वर्ग मीटर जमीन या आठ फ्लैट वाला अपार्टमेंट हो।
यदि किसी प्रोजेक्ट की रजिस्ट्ररी नहीं की जाती है तो इस पर जुर्माने का प्रावधान है। यह जुर्माना पूरे प्रोजेक्ट की कीमत का 10 प्रतिशत होगा या फिर तीन साल की जेल की सजा हो सकती है। नायडू ने कहा कि इस बिल का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है।