खंडवा : आज देश में जल सवंर्धन को लेकर तरह तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं खंडवा में सामूहिक श्रमदान से लोगों ने पुराने जल स्रोतों की साफ सफाई का बेड़ा उठाया है । खंडवा के गौतम नगर क्षेत्र के लोग पिछले 5 दिन से ऐतिहासिक सूरजकुंड की सफाई कर रहे हैं । इन लोगों का मानना है कि जब भीषण जल संकट का दौर था तब इस कुंड ने उन्हें निरंतर रूप से पीने के पानी की उपलब्ध कराया है , इसलिए उनका भी दायित्व है कि इसे साफ-सुथरा कर इसे रिचार्ज किया जाए ताकि ये इसी तरह हमारी जरुरत को पूरा करता रहे। ख़ास बात ये की हर साल यहाँ के लोग सामूहिक श्रमदान से इस कुंड की सफाई करते हैं।
खंडवा के चारों दिशाओं में 4 ऐतिहासिक कुंड है, इसमें से एक सूरजकुंड भी है।ऐसी मान्यता हैं कि भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास का कुछ समय खांडव में व्यतीत किया था तब इस स्थान को खाण्डववन कहा जाता था । मान्यता के अनुसार जब सीता माता को प्यास लगी तो भगवन राम ने तीर मार कर जमीन से पानी निकला था। उसी समय भगवन श्री राम ने खंडवा के चारों दिशाओं मेंचार कुंडों का भी निर्माण करवाया था उनमें से दो कुंड आज भी यहाँ के लोगों की प्यास बुझा रहा हैं । राजेश पटेल ने बताया कि उनमें से के पुरातनकाल का सूरज कुंड आज भी जीवित कुंड हैं जीवित इसलिए क्योंकि यहाँ के स्थानीय रहवासी नियमित रूप से इस ऐतिहासिक गुंडों की सफाई करते हैं । शहर के विस्तार के साथ साथ यह कुंड अब शहर की बसाहट का हिस्सा बन चुके हैं । आस-पास कालोनियों का विस्तार हो चुका है । इन कालोनियों में हालांकि नगर निगम की सप्लाई व्यवस्था है लेकिन मुसीबतों के दौर में यही कुंड इन्हें बिना रुके पानी उपलब्ध करता है । सूरजकुंड के आसपास की कॉलोनी के लोग हर साल इस कुंड की सफाई करते हैं और इस बार भी इन लोगों ने सामूहिक श्रमदान से इसे साफ करने का बीड़ा उठाया है।
भीषण गर्मी और बार बार जल वितरण की पाइप लाइन के फूटने से शहर के जल संकट के हालत बने हुए हैं लेकिन इस कालोनी के लोग इस कुंड के पानी से अपने जीवन को सरलता से जी पा रहे हैं। कुंड की सफाई का कार्य हर साल बारिश के पहले होता हैं। ऐसे में पुलवामा में पोस्टेड CRPF का जवान बसंत फरकले जब छुटियों में अपने घर लौटा तो वो भी यहाँ सफाई कार्य में जुट गया। जवान का कहना हैं कि सेना इस तरह के कार्य करते रहती हैं हमारे देश के प्रधानमंत्री भी जल सवंर्धन को बड़वा दे रहेहैं इसलिए में भी यहाँ इस कुंड की सफाई कार्य में जुट गया ये भी एक तरह की देश सेवा ही हैं।
अगर खंडवा के इन लोगो की तरह हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी निभाने लगेगा तो हमें पानी की किल्लत से निजात मिल सकती हैं।