खंडवा : देश में जहां नेता मंत्री अपनी गाड़ियों से लालबत्ती अपनी खुद निकल रहे है वहीं एक सरपंच बेटा लालबत्ती लगा कर अपना रौब झाड़ता नजर आया। शहर से लेकर गाँव तक लाल बत्ती का रसूख इतना था कि पुलिस भी इन पर हाथ डालने से घबराती थी। मोदी सरकार के फैसले के बाद अब पुलिस भी लाल बत्ती लगी गाड़ी को ज्यादा गौर से देखने लगी है। खंडवा ट्रैफिक पुलिस ने अपनी रूटिंग चेकिंग के दौरान एक इनोवा कार को रोका जिस पर लाल बत्ती लगी हुई थी। पूछताछ में गाड़ी चला रहा युवक बाते गुमने लगा तो पुलिस उसे थाने ले आई जहा उसने बताया की उसके पिता गांव के सरपंच हैं और वह अपनी गाड़ी पर लालबत्ती लगते हैं तो मैने भी लालबत्ती लगा ली। पुलिस ने युवक से पूछताछ कर चालानी कार्यवाही कर लालबत्ती जप्त कर गाड़ी को छोड़ दिया।
युवक अपने साथियों के साथ अनाधिकृत रूप से लाल बत्ती का उपयोग कर रसूख दिखाकर नो पार्किंग ज़ोन में गाड़ी पार्क कर बाजार घूम रहे था । इंदौर के नंबर पर पंजीकृत इस गाड़ी (MP09BD1356) में बैठे इंदौर निवासी युवक मयंक पिता श्याम बजाज ने बताया कि उसके पिताजी पूर्व सरपंच है और वह इस गाड़ी और लाल बत्ती का उपयोग करते है। इसी गाड़ी से यह तीनों खंडवा में एक शादी समारोह में हिस्सा लेने आए थे। लाल बत्ती देखते ही खंडवा ट्रैफिक पुलिस ने इनकी पड़ताल की तो पोल खुल गई। पुलिस ने गाड़ी जप्त कर जुर्माने की कार्यवाही की।
लाल बत्ती का रसूख और उसका दुरुपयोग किस तरह होता आया है इसकी एक बानगी खंडवा में देखने को मिली। ट्रैफिक पुलिस ने नो पार्किंग ज़ोन में एक लाल बत्ती लगी इनोवा कर को खड़े देखा। यह गाड़ी इंदौर के नंबर पर रजिस्टर्ड थी। थोड़ी देर बाद इस गाड़ी में बैठने आए दो युवक और एक युवती से पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि उनमें से एक युवक के पिताजी पूर्व सरपंच है और यह गाड़ी और बत्ती उन्ही की है। पूर्व सरपंच पिताजी भी न जाने कितने समय से अनाधिकृत रूप से लाल बत्ती का उपयोग करते आ रहे थे। बेटा खंडवा में एक शादी समारोह में हिस्सा लेने आया था तो वह भी लाल बत्ती लगी गाड़ी लेकर आया। जब पुलिस ने उससे लाल बत्ती के नियम कायदे पूछे तो वह कुछ भी बता नही पाया। बस यही कहा कि पिताजी लगाते है तो मैंने भी लगा ली। पुलिस ने पुलिस ने गाड़ी जप्त कर जुर्माने की कार्यवाही की है।
ट्रैफिक सूबेदार देवेंद्र सिंह परिहार ने बतया की घंटाघर क्षेत्र में रूटीन चेकिंग अभियान के दौरान इंदौर के नंबर पर पंजीकृत एक इनोवा कार पर लालबत्ती लगी देखी तो गाड़ी चालक से पूछताछ की पर वह सही जानकारी नहीं दे पाया। हमने उसका चालान काट लालबत्ती जप्त कर ली है। श्री परिहार ने कहा कि युवक से पूछताछ की गई है उसके बाद उसे छोड़ दिया गया है।
पुलिस कार्यवाही पर उठे सवाल
हालांकि पुलिस की कार्यवाही पर भी सवाल उठने लगा है। पुलिस ने चलनी कार्यवाही तो की पर अनाधिकृत रूप से लालबत्ती लगाने पर कोई मामला दर्ज नहीं किया। जबकि नियमों के मुताबिक अधिकृत व्यक्ति ही लालबत्ती का उपयोग कर सकते है। अनाधिकृत रूप से लालबत्ती का उपयोग करना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे में इस मामले में केस दर्ज न कर युवक को सिर्फ चलानी कार्यवाही कर छोड़ना भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।
रिपोर्ट @ निशात सिद्दीकी /जावेद खान