नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने शुक्रवार को मध्य वर्ग और किसानों को बड़ा झटका देते हुए पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर में कटौती कर कर दी है ! बता दें कि पीपीएफ पर अब तक 8.7 फीसदी की दर से सालाना ब्याज मिलता था, लेकिन अब नए नियम के मुताबिक, सिर्फ 8.1 फीसदी ही ब्याज मिलेगा ! यह नए नियम एवं शर्तें अप्रैल से ही लागू होंगी !
इसके साथ ही सरकार ने किसान विकास पत्र पर मिलने वाले ब्याज में भी कटौती की है ! किसान विकास पत्र पर अब तक 8.7 फीसदी ब्याज मिलता था, जिसे अब 7.8 फीसदी कर दिया गया है !
बता दें कि इसके पहले बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि पीपीएफ निकासी पर टैक्स लगेगा, हालांकि विरोध के बाद सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा ! आपको दें संसद में सरकार का पक्ष रखते हुए अरुण जेटली ने ईपीएफ निकासी पर लगने वाले टैक्स को वापस लेने का ऐलान किया।
हालांकि एनपीएस पर टैक्स प्रस्ताव बरकरार रखा गया है। एनपीएस पर 40 रकम निकालने पर टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन बाकी 60 फीसदी पर टैक्स लगेगा। वित्त मंत्री ने अपनी सफाई में कहा था कि बुढ़ापे के लिए निवेश को बढ़ावा देने के लिए ईपीएफ पर टैक्स लगाने का फैसला किया गया। साथ ही एनपीएस को पीएफ के मुकाबले आकर्षक बनाने का मकसद था।
ईपीएफ पर टैक्स वापसी को लेकर अपनी दलील देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ मध्यम वर्गीय लोगों में काफी आक्रोश है। जबरदस्ती निवेश के लिए बाध्य करना लोगों को रास नहीं आया और राजनीतिक मजबूरी की वजह से भी फैसला वापस लिया है।