मंडला : रानी दुर्गावती शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मण्डला में डाॅ.संजय शुक्ला फील्ड डायरेक्टर, कान्हा टाईगर रिज़र्व मंडला के मुख्य आतिथ्य में राष्ट्रीय शोध सेमीनार का शुभारम्भ हुआ। सेमिनार के उद्घाटन सत्र में डाॅ.पी.एल.अहिरवार पूर्व प्राचार्य विशिष्ट अतिथि और संस्था प्राचार्य डाॅ.लीला भलावी बतौर अध्यक्ष उपस्थित थी।
इस दौरान विषय विशेषज्ञ डाॅ.अनंत देषमुख विभागाध्यक्ष वाणिज्य संकाय आर.टी.एम.एन. विश्वविद्यालय नागपुर और डाॅ.निखिल अलाटे सलाहकार भारत सरकार ने राष्ट्रीय शोध सेमीनार ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर पर्यटन का प्रभाव‘‘ विषय पर व्याख्यान दिए। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। अतिथियों के स्वागत उपरान्त डाॅ. राजेश चैरसिया ने मुख्य अतिथि डाॅ.संजय शुक्ला का संक्षिप्त परिचय दिया।
अपने कुषल वक्तव्य में डाॅ.निखिल अलाटे ने पर्यटन के विकास की सम्भावनाओं पर गहन चिंतनपरक उदृबोधन में कहा कि हमारे देश में पर्यटन को विकसित करने की अपार सम्भावनाएॅं हैं। विदेशों के आंकड़े प्रस्तुत कर पर्यटन की दिशा में कुछ सुधार के पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किये।
वक्ता की श्रेणी में ही डाॅ.अनन्त देषमुख वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष नागपुर विश्वविद्यालय ने पर्यटन को रोजगारोन्मुख बनाने के लिये अपने विचारों से सभा को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पर्यटन की महती आवश्यकता को आर्थिक प्रगति से विष्लेषित किया जाना चाहिये। इस दिशा में आने वाली समस्याओं से निजात पाने के लिये समूचे देश के नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाये। पर्यटन के विकास की अपार सम्भानाएॅं हमारे देश में विद्यमान हैं।
डाॅ.अहिरवार ने सभी विद्वानों के मतों का समर्थन किया और पर्यटन को विकासशील श्रेणी में लाने के लिये अपने विचार रखे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ.संजय शुक्ला ने कान्हा रिजर्व टाईगर में आने वाले पर्यटकों के आंकड़ों से आर्थिक समृद्धि गिनाई और इस माध्यम से करोडों की वार्षिक आय होना बताया। उन्होंने गाईड के माध्यम से छात्रों को रोजगार दिये जाने की सम्भावना पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि जो भी छात्र-छात्राएॅं इस फील्ड में प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं और रोजगार की दिशा में 8 से 15 हजार रूपये मासिक आय प्राप्त करना चाहते हैं वे हमारे कार्यालय से सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डाॅ.भलावी ने कहा कि महाविद्यालय में सेमीनार से पर्यटन की दिशा में निश्चित रूप से कुछ फलदायी आंकडें हमारे समक्ष आयेंगे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ.एस.एस.ज्योतिषी एवं डाॅ.रमा गुप्ता ने किया। प्रतिवेदन डाॅ.एम.आर.सिहारे सेमीनार सचिव ने प्रस्तुत किया। आभार प्रदर्शन डाॅ.एस.के.श्रीवास्तव समन्वयक ने किया।
इस सेमीनार में आज दो तकनीकी सत्र सम्पन्न हुए जिसमें विभिन्न प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया। इस सम्पूर्ण कार्यक्रम में म.प्र.एवं अन्य महाविद्यालयों, विष्वविद्यालयों से पधारे प्राध्यापकों, सहायक प्राध्यापकों, अतिथि विद्वानों और शोध छात्रांे ने अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई कार्यक्रम को सफल बनाने में डाॅ.चैरसिया, डाॅ.खरपूसे, डाॅ.टेंभरे, डाॅ.मंसूरी, डाॅ.बानो, डाॅ.बघेल, डाॅ.धुर्वे, डाॅ.माटिन, डाॅ.तेकाम, डाॅ.धूमकेती, डाॅ.मिश्रा, डाॅ.दुबे, डाॅ.कुषवाहा, डाॅ.गोंटिया, डाॅ.कुजूर, तथा महाविद्यालय के अधिकारियों कर्मचारियों का भरपूर सहयोग रहा।
@सैयद जावेद अली