नई दिल्ली [ TNN ] उत्तर प्रदेश के आगरा में कुछ लोगों के धर्म परिवर्तन का मुद्दा बुधवार को संसद के दोनों सदनों में जमकर गूंजा। सरकार पर सख्त रुख अपनाते हुए प्रमुख विपक्षी दलों ने इस मामले पर सरकार से सफाई देने की मांग की।
राज्यसभा में बसपा प्रमुख मायावती ने धर्मपरिवर्तन मामले पर मांग की केंद्र और राज्य सरकारें इस मामले को गंभीरता से लें। उन्होंने कहा कि धर्मपरिवर्तन कराने वाली सांप्रदायिक ताकतों पर रोक लगानी चाहिए।
वहीं कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मांग की इस मामले पर सरकार स्पष्टीकरण दे। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा यदि धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में किसी को जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
विपक्षी दलों की मांग का जवाब देते हुए केंद्रीयमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राज्य सभा में कहा कि उनकी जानकारी में मामले पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि किसी संगठन को संस्था को राजनीतिक कारणों से गलत साबित करना ठीक नहीं है।
इससे पहले आगरा में जिन मुसलमानों का कथित रूप से धर्म परिवर्तन हुआ है उनमें से कुछ ने अनजाने में धर्मपरिवर्तन की बात कही है। धर्मपरिवर्तन के दौरान हवन और धर्म जागरण कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिला ने कहा कि उन्हें धर्म परिवर्तन के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया।
उन्होंने कहा कि उनके साथी उन्हें पूजा स्थल ले जाने से पहले उन्हें कुछ नहीं बताया। उन्हें इस बारे में बाद में पता चला कि उनका धर्म परिवर्तन कराया गया है। महिला ने कहा कि उनसे उनके आई कार्ड बनाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि यह धर्म परिवर्तन कराने क लिए कहा जा रहा है।
कबाड़ का काम करने वाले 37 मुस्लिम परिवारों के करीब सौ लोगों ने सोमवार को विधिवत हवन-पूजन के साथ हिंदू धर्म अपना लिया था। इनकी कलाई पर कलावा बांधने के बाद माथे पर तिलक भी लगाया गया था।
इनमें से अधिकांश मूलरूप से कोलकाता के हैं जो पिछले कई साल से देवरी रोड स्थित देव नगर के पीछे बस्ती में रह रहे हैं। कुछ लोग इन्हें बंग्लादेशी भी बोल रहे हैं। हिंदु धर्म अपनाने वालों में कुछ के पिता या दादा ने धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम धर्म अपना लिया था।
धर्म जागरण (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रकल्प) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को देवरी रोड स्थित देव नगर के पीछे एक बस्ती में इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसमें बस्ती के 37 मुस्लिम परिवार हिंदू धर्म से जुड़ने की बात सामने आई थी।