बड़वानी : चिखल्दा में अनशनरत नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर को जिला प्रशासन ने आखिर अनशन स्थल से उठा लिया। राजघाट पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।इस दौरान महिलाओं और बच्चों के साथ सख्ती करने का पुलिस प्रशासन पर आरोप भी लगा है।
करीब एक घंटे की अफरातफरी के बाद पुलिस ने बल प्रयोग के साथ मेधा पाटकर को उठाकर एंबुलेंस में सवार किया।इस दौरान हुए हंगामे में एक महिला पुलिसकर्मी घायल भी हो गई। मेधा पाटकर को ले जाने के बाद अनशनकारी और नर्मदा बचाओ आंदोलन के सदस्यों ने गिरफ्तारी दी। सोमवार सुबह से ही जिला प्रशासन ने विभिन्न स्थानों से पुलिस बल माैके पर बुला लिया था।
इससे पहले मेधा पाटकर सहित अन्य का रविवार देर रात स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद प्रशासन तनाव में नजर आया। रविवार रात 3 बजे तक जिला प्रशासन के अधिकारी अनशन स्थल पर डटे रहे, वहीं सोमवार सुबह से दोपहर तक धार के कलेक्टर श्रीमन शुक्ला दो बार धरना स्थल पहुंचे।
दूसरी बार पहुंचे कलेक्टर ने कहा कि अनशन खत्म करें और उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल से मिलने का समय व दिनांक आंदोलन तय करे। राज्य स्तर की प्रत्येक उचित समस्या का तुरंत निराकरण किया जाएगा। स्वास्थ ठीक न होने से आराम कर रही मेधा पाटकर ने बाद में कलेक्टर से मोबाइल पर करीब 16 मिनट चर्चा की। इस दौरान कलेक्टर ने 42 बार उनसे अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया। हालांकि मेधा पाटकर ने दोहराया था कि अनशन जारी रहते हुए भी संवाद किया जा सकता है।
इस घटनाक्रम के बाद चिखल्दा सहित क्षेत्र में तेजी से यह बात फैल गई थी कि प्रशासन बलपूर्वक मेधा पाटकर सहित अन्य अनशनकारियों को उठाकर अनशन समाप्त करवाएगा। इसके बाद अनशन स्थल पर बड़ी संख्या में डूब प्रभावित एकत्रित हो गए। इसके बाद प्रशासन ने सरदार सराेवर बांध पर अपनी मांगों को लेकर अनशनरत मेधा पाटकर को अनशन स्थल से हटा लिया।
वहीं धार सहित बड़वानी जिले में पुलिस व प्रशासन की हलचल तेज होने से तरह-तरह की बातें चलती रही। धरना स्थल पर बड़ी संख्या में महिलाओं सहित अन्य डूब प्रभावितों ने हर स्थिति से निपटने का संकल्प दोहराया। अनशन स्थल पर जीवनशाला के बच्चे भी संघर्ष के गीत गाते रहे।
सोमवार सुबह धार के कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी धरना स्थल पहुंचे। वहां अनशनरत बहनों ने अधिकारियों को राखी बांधी। इसके बाद दूसरी बार करीब 11.30 बजे कलेक्टर एक बार फिर पूरे दल-बल के साथ चिखल्दा पहुंचे। उन्होंने आंदोलन कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं राज्य शासन की ओर से यह कहने आया हूं कि मेधा पाटकर सहित अन्य अनशन समाप्त कर दें और उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल से संवाद की रूपरेखा तैयार करें। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि शासन सभी के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है और समस्याओं के हरसंभव निराकरण के लिए प्रतिबद्ध है।
बाद में आंदोलन नेत्री मेधा पाटकर ने कलेक्टर से मोबाइल पर चर्चा की। पाटकर ने कहा कि अब संवाद की बात कही जा रही है, हम तो 13 साल और अनशन के 12 दिन से संवाद की मांग कर रहे हैं। अब संवाद दो दिन पूर्व अपर मुख्य सचिव और संभागायुक्त की उपस्थिति में हुई बात से आगे बात होनी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल राज्य स्तरीय नहीं, केंद्र स्तरीय होना चाहिए, क्योंकि कई मामले केंद्र से संबंधित हैं। संवाद में ठोस निर्णय होना चाहिए। बार-बार कलेक्टर द्वारा स्वास्थ्य की चिंता जताने पर मेधा पाटकर ने कहा कि मरते दम तक संवाद के लिए तैयार रहूंगी, आप चिंता न करें। कलेक्टर ने मेधा पाटकर से सलाइन लगवाने का अनुरोध भी किया, परंतु मेधा ने मानने से इनकार कर दिया था।
पूरा दिन अलग-अलग तरह की चर्चाएं चलती रही। वहीं इस दौरान दोनों जिलों के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी सक्रिय नजर आए। बड़वानी प्रशासन बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ राजघाट में जम गया। एनडीआरएफ की टीम ने नर्मदा में 8 मोटरबोट उतार दी। बड़वानी में राजघाट रोड़ पर जगह-जगह बैरियर लगा दिए गए। वहीं निसरपुर में भी बड़ी संख्या में पुलिस बल एकत्रित किया गया।