महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन के बाद अब मराठाओं को आरक्षण देने के लिए सरकार तैयार है।
मराठा आरक्षण पर सरकार का भी मानना है कि मराठा शैक्षणिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हैं। उन्हेंने स्पेशल कैटेगरी फॉर बैकवर्ड क्लासेज’ (एससीबीसी) के तहत आरक्षण दिया जाएगा।
महाराष्ट्र कैबिनेट ने फैसला किया है कि मराठाओं को एससीबीसी के तहत अलग आरक्षण दिया जाएगा।
50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता इसलिए महाराष्ट्र सरकार ने ‘स्पेशल कैटेगरी फॉर बैकवर्ड क्लासेज’ के प्रवाधान से आरक्षण देने का ऐलान किया है। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण का मामला जून 2017 में पिछड़ा वर्ग आयोग को सौंप दिया था।
महाराष्ट्र राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठा समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर अपनी रिपोर्ट गुरुवार को राज्य के मुख्य सचिव डी के जैन को सौंपी थी जिसमें समुदाय के लिए आरक्षण की मांग के पक्ष में सुझाव दिए गए थे।
इससे पहले महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठाओं को 16 फीसदी आरक्षण देने की मांग की थी। इसके चलते राज्य में आरक्षण की सीमा वर्तमान की 52 प्रतिशत से बढ़कर 68 प्रतिशत हो जाएगी।
साल 2014 में विधानसभा में आरक्षण देने संबंधी बिल पास किया था। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस बिल पर रोक लगा दी थी। इसके बाद वर्तमान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
वहां से भी कोई राहत न मिलते देख सरकार ने फिर से हाईकोर्ट में याचिका दी। हाईकोर्ट ने उसे पिछड़ा आयोग बनाने और रिपोर्ट देने को कहा।
राज्य की आबादी में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय की आबादी 30 प्रतिशत है। इस साल जुलाई और अगस्त में आरक्षण के लिए जबरदस्त आंदोलन हुआ था।