बैंक नोटों में लगातार सिक्योरिटी फीचर बढ़ाने के क्रम में रिजर्व बैंक ने नए नंबर पैटर्न के साथ 100 रुपये के नोट को जारी किया है। इन नोटों में नोट के पहले तीन अल्फा न्यूमेरिक नंबर समान आकार के होंगे जबकि बाद के नोट के नंबर छोटे से धीरे-धीरे बढ़ते हुए बड़े आकार के होंगे।
रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा है कि आरबीआई ने नए नंबरिंग पैटर्न के साथ महात्मा गांधी सीरीज में 100 रुपये का बैंक नोट जारी किया है। आरबीआई ने कहा है कि अंकों को आरोही आकार में छापना बैंक नोट में स्पष्ट सिक्योरिटी फीचर है, जिससे आम जनता सही नोट और जाली नोट में फर्क कर सके।
आरोही आकार में अंकों के साथ बैंक नोटों का डिजाइन दूसरे हर लिहाज से महात्मा गांधी सीरीज 2005 में 100 रुपये के मौजूदा डिजाइन के समान है। इनमें सिर्फ नंबरिंग पैटर्न का फर्क है।
इसके अलावा आरबीआई ने कहा है कि आरबीआई द्वारा पहले जारी किए गए 100 रुपये के सभी बैंक नोट वैध होंगे। नया नंबरिंग पैटर्न दूसरे बैंक नोट में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
2005 से पहले के छपे नोट को बदलने के लिए अब आपाधापी की जरूरत नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2005 से पहले के नोट को वापस लेने की तारीख आगामी 30 जून से छह माह बढ़ा कर 31 दिसंबर कर दी है। रिजर्व बैंकों ने लोगों से आग्रह किया है कि लोग अपने पुराने नोट को अपने खाते में जमा करा दें अथवा नजदीकी शाखा में जाकर बदलवा लें।
जमा किए गए नोट के बराबर की रकम खाते में डाल दी जाएगी। इसके साथ ही बैंक ने यह स्पष्ट किया है कि इन नोटों की वैधानिकता आगे भी बनी रहेगी। रिजर्व बैंक काफी दिनों से वर्ष 2005 से पहले छपे नोटों को चलन से बाहर करने की तैयारी कर रहा है लेकिन बार-बार इसकी अंतिम तिथि बढ़ानी पड़ रही है।
रिजर्व बैंक की यह कवायद आधुनिक सुरक्षा फीचरों से लैस नोटों को चलन में लाने के लिए है। रिजर्व बैंक का कहना है कि 2005 से पहले छपे नोटों पर सुरक्षा के वैसे इंतजाम नहीं हैं जैसे इंतजाम बाद के छपे नोटों पर हैं। इसलिए इन नोटों को चलन से बाहर किया जा रहा है ताकि ऐसे नोटों के नाम पर जाली नोट को खपाने में मदद नहीं मिले।