हैदराबाद – केंद्र सरकार ने आज अपना रूख कड़ा करते हुए संकेत दिया कि वह विवादास्पद भूमि विधेयक में आगे संशोधनों की इजाजत नहीं देगी और इस बात पर जोर दिया कि वह ‘नतीजों’ का सामना करने के लिए तैयार है।
संसदीय कार्य और शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, सरकार ने जरूरी संशोधन किए। अगर सार्थक सुझाव आते हैं, तो आने दीजिए, तब हम विचार करेंगे। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार भूमि विधेयक में और संशोधन करने के लिए तैयार है? इससे पहले उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में इस बात को स्वीकार नहीं किया कि विपक्ष के पुरजोर विरोध के कारण विधेयक पर गतिरोध बना हुआ है।
नायडू ने कहा, कोई गतिरोध नहीं है। हमारे पास राज्यसभा में संख्या नहीं है, लेकिन कोयला विधेयक पारित किया गया, खदान एवं खनिज विधयेक उसी राज्यसभा में पारित किया गया। देखते हैं। मंत्री ने कहा, लोकसभा में सरकार की ओर से (भूमि विधेयक) नौ संशोधन लाए गए। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। हमने एकतरफा कुछ नहीं किया है। हमने विस्तृत विचार-विमर्श किया है।
उन्होंने कहा, वे (कांग्रेस और भूमि विधेयक का विरोध कर रहा विपक्ष) विकास नहीं चाहते है। वे सरकार के लिए अच्छाई नहीं चाहते हैं। वे चाहते हैं कि विकास के लिए इंतजार को बढ़ाया जाए। हम तैयार नहीं हैं। हम कुछ करना चाहते हैं। हम भूमि विधेयक पर नतीजों का सामना करने के लिए तैयार हैं। जनता का साथ मिलने का विश्वास प्रकट करते हुए नायडू ने कहा कि सरकार लोकसभा में फिर से यह विधेयक लेकर आएगी।
नायडू ने कहा, मुझे जनता के मिजाज से यह भरोसा है कि संसद के सदस्य दोनों सदनों में इसका समर्थन करेंगे और इसे पारित किया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, जब संसद का सत्र होगा तो इस पर रचनात्मक बहस होने दीजिए। जब हम चर्चा करते हैं और सार्थक सुझाव आते हैं तो सरकार ने कहा है कि हम उस पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि राजग सरकार जनता से किए वादों को पूरा करने के लिए उत्सुक है। मंत्री ने कहा कि सरकार विकास और सुशासन के एजेंडे के साथ आगे बढ़ने को तैयार है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के तहत घोटालों के दिन बीत गए।