नई दिल्ली : रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने जीएसटी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि छोटे और मध्यम वर्ग के कारोबारियों पर पड़ने वाले बोझ को कम करने के लिए यह जरूरी है कि जीएसटी की दरों की फिर से मरम्मत की जाए। उन्होंने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि करीब दर्जन भर टैक्सों को अपने अंदर समाहित कर लेने वाले जीएसटी को स्थिर होने में अभी करीब साल भर का समय लग जाएगा।
उन्होंने कहा कि छोटे और मध्यम वर्ग के कारोबारियों के कारोबार को आसान बनाने के लिए ही जीएसटी काउंसिल ने कई चीजों को लेकर टैक्स की दरों में बदलाव किया है। जीएसटी काउंसिल ने कई बैठकों के बाद यह पाया है कि कुछ मामलों पर जीएसटी के दिक्कतें हो रही हैं, जिन्हें सुधारने की कोशिश की गई है।
छोटे और मध्यम वर्ग के कारोबारियों के लिए टैक्स का भुगतान करने और जीएसटी रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। जीएसटी के कई पहलुओं को आसान बनाया गया है। करीब 100 से भी अधिक वस्तुओं पर जीएसटी दर को संशोधित किया गया है और साथ ही निर्यातकों के लिए रिफंड की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है।
इस पर अधिया ने कहा है कि अब जीएसटी की दरों को एक बार पूरी तरह से सही किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जहां पर भी ऐसा लगे कि छोटे और मध्यम वर्ग के कारोबारी पर या फिर आम जनता पर अधिक बोझ पड़ रहा है, उसमें सुधार किया जाए। अगर हम इन दरों को और कम करने में सक्षम रहते हैं तो इनका पालन और भी अच्छे से होगा।