झारखंड के ऋचा पटेल मामले में कोर्ट ने कुरान बांटने के अपने आदेश को वापस ले लिया है। जांच अधिकारी की अपील पर कोर्ट ने पुरानी शर्त को पलट दी है।
अब 7 हजार रुपये के बेल बांड और अन्य शर्तों के आधार पर ऋचा को जमानत दी गई है। मामले को तूल पकड़ता देख कोर्ट ने अपना आदेश वापस लिया है।
इससे पहले सोमवार को सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की कोर्ट ने पांच कुरान बांटने की शर्त पर उसे जमानत दी थी। इसके लिए ऋचा को 15 दिन का समय दिया गया था।
कोर्ट के नये फैसले पर ऋचा पटेल ने कहा कि हमें न्याय मिला है। पुलिस ने बिना जांच कर हमारे ऊपर कार्रवाई की। जबकि हमारा पोस्ट ऑपत्तिजनक नहीं था। किसी को ठेस पहुंचाने वाला नहीं था। हमने रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में लिया था। ऋचा ने आशंका जताई कि कोर्ट के नये आदेश के बाद उसके परिवार पर खतरा बढ़ सकता है।
ऋचा ने इस सिलसिले में राज्य महिला आयोग जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है। आयोग ने उसे उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
बता दें कि रांची के पिठोरिया की छात्रा ऋचा पटेल ने सोशल साइट पर धार्मिक पोस्ट किया था। इसके बाद अंजुमन इस्लामिया (पिठोरिया) के प्रमुख मंसूर खलीफा ने पिठोरिया थाने में 12 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इसमें उन्होंने ऋचा पर मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। इसके बाद पिठोरिया पुलिस ने शुक्रवार की शाम को ऋचा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
इस मामले में गत सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत ने कुरान की पांच प्रतियां बांटने की शर्त पर ऋचा को जमानत दी थी।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि पिठोरिया पुलिस के संरक्षण में मंगलवार शाम तक ऋचा कुरान की एक प्रति अंजुमन इस्लामिया के सदर मंसूर खलीफा को देगी। बाकी चार विभिन्न शिक्षण संस्थानों में बांटेगी। इसके लिए ऋचा को 15 दिन का समय दिया गया था।