हैदराबाद- जनवरी में दलित छात्र रोहित वेमुला ने आत्महत्या मामले में अब जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी मैदान में उतर गए हैं ! 28-वर्षीय कन्हैया कुमार बुधवार दोपहर को हैदराबाद में रोहित वेमुला की मां से मिले, और रोहित को ‘न्याय दिलाने’ की प्रतिज्ञा की। इसी महीने जेल से रिहा होने के बाद भी कन्हैया कुमार ने कहा था, रोहित वेमुला उनके ‘आदर्श’ हैं ! इसको लेकर हैदराबाद यूनिवर्सिटी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और सभी क्लासेस को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
रोहित वेमुला की मां, रोहित के मित्रों, कुछ शिक्षकों तथा विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी अधिकारियों ने पीएचडी स्कॉलर रोहित को केंद्रीय मंत्रियों बंडारू दत्तात्रेय तथा स्मृति ईरानी के दबाव में निलंबित किया था। हालांकि मंत्रियों ने इस मामले में किसी भी तरह का दबाव डालने के आरोप से इंकार किया है। कन्हैया कुमार की बुधवार शाम को रोहित वेमुला के मित्रों और समर्थकों से मिलने की योजना है, जिनकी मांगों में वाइस-चांसलर अप्पाराव पोडिले को बर्खास्त किया जाना भी शामिल है।
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को दो महीने की छुट्टी से लौटे कुलपति अप्पा राव का छात्रों ने विरोध किया था। छात्रों ने जमकर नारेबाजी करने के अलावा वीसी के कार्यालय में तोडफ़ोड़ कर उन्हें कुछ समय के लिए बंधक भी बना लिया था। इसके बाद छात्रों ने पुलिस पर पथराव किया। पुलिस ने भी छात्रों पर लाठीचार्ज करते हुए 25 छात्रों को हिरासत में लिया था।
छात्रों ने कुलपति पर शोधार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या का दोषी होने का आरोप लगाते हुए उनके आवास में ही बने दफ्तर में घुसकर तोडफ़ोड़ की और विश्वविद्यालय के इस शीर्ष अधिकारी को छह घंटों तक वहां बंधक बनाए रखा। इस दौरान उन्होंने पुलिस पर पथराव भी किया और कुछ मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया। आखिर में पुलिस ने लाठीचार्ज कर छात्रों को वहां से हटाया। इस हंगामे के दौरान कथित रूप से एक महिला प्रोफेसर के सिर पर चोट आई, हालांकि यह स्पष्ट नहीं कि यह कैसे चोट लगी।
कुलपति के संवाददाता सम्मेलन से कुछ मिनट पहले छात्रों ने उन पर हमला किया। कुलपति मीडिया को यह बताना चाहते थे कि उन्होंने अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। जब छात्रों को जानकारी मिली कि कुलपति अप्पा राव कार्यभार ग्रहण करने आ रहे हैं, तो छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया। छात्रों ने राव की विश्वविद्यालय में वापसी को केंद्र सरकार का तानाशाही भरा रवैया करार देते हुए कहा कि राव को निष्कासित किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान ही कुलपति अप्पा राव 24 जनवरी को छुट्टी पर चले गए थे। विभिन्न छात्र संगठनों के बैनर तले बनी सामाजिक न्याय के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति ने रोहित वेमुला सहित पांच दलित छात्रों के निलंबन के लिए कुलपति पी अप्पा राव, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी, बंडारू दत्तात्रेय और अखिल भरतीय विद्याथीज़् परिषद के कुछ नेताओं को दोषी ठहराया था।