कोलकाता- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने ‘भारत माता की जय’ नारे को लेकर छिड़ी देशव्यापी बहस को फिर हवा दी ! उन्होंने रविवार को इसे पूरी दुनिया में अभिवादन के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया।
भागवत ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “‘भारत’ केवल भौगोलिक नाम नहीं है, बल्कि एक ऐसा शब्द है, जो देश के सर्वाधिक परंपरागत मूल्यों को दर्शाता है।” उन्होंने कहा, “भारत एकमात्र राष्ट्र है, जहां सर्वाधिक पुरानी परंपरा- हिन्दू परंपरा आज भी जीवित है। अन्य सभी देश बदल गए, किसी ने प्रगति की तो किसी का नैतिक पतन हुआ। लेकिन ऐसे समय में भी जबकि नैतिकता का ह्रास हो रहा है, हमारी सर्वाधिक पुरानी परंपराओं का आज भी अनुसरण किया जा रहा है।”
भागवत ने कहा, “यदि ‘भारत माता की जय’ को पूरी दुनिया में गुंजायमान करना है, भारत को एक समृद्ध, सभी के लिए समान और शोषण मुक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है तो हम सभी को अपने अंदर के भारत को जीना होगा।” उन्होंने भारत को एक देश बताने के लिए पाकिस्तान का माखौल उड़ाया।
आरएसएस प्रमुख ने कहा, “वेदों की रचना पाकिस्तान में नदियों के किनारे की गई, वहां से हमारे पूर्वज पूरी दुनिया में गए, संस्कृत व्याकरण की रचना भी वहीं हुई। लेकिन विभाजन के दौरान उन्होंने हमारे लिए ‘भारत’ नाम छोड़ते हुए अपने लिए एक अलग नाम चुना, क्योंकि जिस भी चीज का वे विरोध कर रहे हैं, वह सब ‘भारत’ नाम में निहित है।”
ज्ञात हो कि एमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के भारत माता की जय कहने से इनकार करने की बात को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा था कि ओवैसी ने भारत माता का अपमान किया है। अब ओवैसी के विरोध में मुसलमानों को भारत माता की जय-जयकार करना होगा। और जो भारत माता की जय नही बोलता उसकी नागरिकता रद्द कर देनी चाहिए। उनसे मतदान का अधिकार छीन लेना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि उनके गले पर छुरा भी रख दिया जाए तब भी वे ‘भारत माता की जय’ नहीं बोलेंगे। इसी पार्टी के महाराष्ट्र में विधानसभा के मौजूदा सत्र के दौरान काफी हंगामा हुआ था जिसके बाद एमआईएम पार्टी के विधायक वारिस पठान को पूरे विधानसभा सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। पठान के कहा था कि हम जय हिन्द, जय महाराष्ट्र कहेंगे नाकि भारत माता की जय !