राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति ने मांग की है कि ताजमहल में होने वाली नमाज को बैन किया जाए। RSS से संबद्ध इस संगठन के सचिव डॉक्टर बालमुकुंद पांडे ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि ताजमहल राष्ट्रीय धरोहर है।
आखिर क्यों मुस्लिमों को राष्ट्रीय धरोहर का इस्तेमाल करने दिया जा रहा है? ताजमहल परिसर में होने वाली नमाज को बैन किया जाना चाहिए। डॉक्टर पांडे ने मांग की है कि अगर परिसर में नमाज करने की अनुमति है तो हिंदुओं को भी शिव चालीसा का पाठ करने दिया जाए।
नमाज की वजह से ताजमहल को शुक्रवार को बंद रखा जाता है। हाल ही में ताजमहल के भीतर हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों द्वारा शिव चालीसा का पाठ किए जाने को लेकर मामला बढ़ गया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्राचीन शिव मंदिर है को तोड़कर ताजमहल बनाया गया है , जिस वजह से उन्हें वहां शिव चालीसा के पाठ का अधिकार है।
उनका ये भी कहना है कि इस बात के सबूत मौजूद हैं कि शिव मंदिर को हिंदू राजा ने बनवाया था। डॉक्टर पांडे का दावा है कि ताजमहल प्यार की निशानी नहीं है, क्योंकि शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की मौत के 4 महीने के भीतर शादी कर ली थी।
हम और सबूत इकट्ठा कर रहे हैं और विस्तार से इसे सबके सामने रखेंगे। हम वो तथ्य भी जुटा रहे हैं कि कैसे शिव मंदिर को ढहाकर मुस्लिम शासक ने ताजमहल बनवाया था।