राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य का कहना है कि हिंदू और स्वयंसेवक कभी कट्टर नहीं हो सकते हैं।
इस तरह की बातें हिंदुत्व के विरोधी और देश को तोड़ने की कोशिश करने वाले लोगों ने फैलाई हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस संघ और भाजपा की विचारधारा को नफरत और कट्टरता पूर्ण बताती रही है।
वैद्य ने शनिवार को यह बातें देवर्षि नारद जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। कार्यक्रम का आयोजन संघ से जुड़े विश्व संवाद केंद्र ने कराया था।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शब्द फंडामेंटलिस्ट से कट्टर को लिया गया है। हमारे लोग बिना सोचे विचारे कट्टर हिंदू शब्द का प्रयोग करते हैं।
उन्होंने कहा कि कई बार संघ के स्वयंसेवकों को कट्टर कहा जाता है लेकिन स्वयंसेवक कभी कट्टर नहीं हो सकते हैं।
उन्होंने सिस्टर निवेदिता की किताब के हवाले से कहा कि यदि ब्रूनो (इटली के 16वीं शताब्दी के महान दार्शनिक) भारत में होते तो जिंदा होते। ब्रूनो ने सबसे पहले बताया था कि सूर्य स्थिर है और पृथ्वी उसके चक्कर लगाती है। इसके लिए उन्हें जिंदा जला दिया गया था।
वैद्य ने कहा कि गैलिलियो को जेल में डाल दिया गया था। सिस्टर निवेदिता के अनुसार यदि गैलिलियो, ईसा मसीह और ब्रूनो भारत में होते तो उनके साथ इस तरह का व्यवहार नहीं होता। हालांकि यह बात अलग है कि उनके समर्थक होते या नहीं।