मुबंई- नागपुर के रहने वाले महाराष्ट्र के महाधिवक्ता श्रीहरि ने विदर्भ को महाराष्ट्र से अलग करने की मांग का समर्थन किया था जिसके परिणाम स्वरुप काफी हंगामा हुआ और उनको इस्तीफा देना पड़ा था ! लेकिन इसी मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता एमजी वैद्य ने कहा कि शासन के लिहाज से महाराष्ट्र का विभाजन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक नये राज्य पुर्नगठन आयोग का गठन होना चाहिए।
वैद्य ने आगे कहा कि किसी भी राज्य की जनसंख्या 3 करोड़ से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र में राज्य के महाधिवक्ता श्रीहरि अणे ने मराठवाड़ा को अलग राज्य बनाने की मांग का समर्थन किया था, जिस पर विवाद शुरू हो गया था।
उनके इस बयान ने महाराष्ट्र मे सियासत गरमा गई थी। शिवसेना ने इस मुद्दे की अगुवाई करते हुए बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था जिसका कांग्रेस-एनसीपी समेत बाकी दलों ने भी समर्थन दिया था और बाद में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के महाधिवक्ता श्रीहरि अणे की अलग मराठवाड़ा राज्य बनाने संबंधी टिप्पणी पर महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ था। विपक्ष और सरकार की सहयोगी शिवसेना ने उन्हें पद से हटाने की मांग की थी जबकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संयम दिखाया था। फडणवीस इस संबंध में मंगलवार को सदन में बयान देने वाले हैं। अणे ने मराठवाड़ा को अलग राज्य बनाने की मांग की थी। शिवसेना का भारी विरोध था एडवोकेट जनरल श्रीहरी अणे के बयान पर शिवसेना मुखर होकर सामने आ गई थी।