लखनऊ- देश का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ [आरएसएस] ‘भगवा’ संगठन करीब पांच हजार शहरों में ‘बाल गोकुलम’ नाम से एक-एक सप्ताह का शिविर लगाएगा ! जिसमे यह कान्वेंट और पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को गर्मी की छुट्टियों में आरएसएस के विचारों,उसका उद्देश्य, विचार धारा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति के बारे में जानकारी देगा।
संघ के राष्ट्रीय पदाधिकारियों का तर्क है कि हमारे परिवारों में पब्लिक और कान्वेंट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाना स्टेटस सिंबल बन गया है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे संघ के विचारों से अनजान होते जा रहे हैं। उनके अंदर भारतीय संस्कृति का अभाव दिखने लगा है। जिन्हें राष्ट्र भक्ति के साथ-साथ संस्कृति की जानकारी देने की आवश्यकता महसूस की गई।
इसी मकसद से एक-एक सप्ताह के शहरों में लगने वाले इन शिविरों में कक्षा तीन से पांच तक के बच्चों को 15 मई के बाद 25 जून तक बाल गोकुलम के नाम से शिविरों लगेंगे। इनमें खेल-खेल में जानकारियां दी जाएंगी। संघ के विचारों से बच्चों को अवगत कराने के लिए प्रशिक्षक तैयार किए जा रहे हैं। जिनमें प्रचारकों के अलावा सरस्वती शिशु मंदिरों के तेज तर्रार शिक्षक भी शामिल हैं।
ये होगा पाठ्यक्रम
संघ क्या है, ये प्रशिक्षण क्यों। राष्ट्र भक्ति और राष्ट्र सेवा। देश के महापुरुषों को न भूले। देश को आजादी कैसे मिली, आजादी दिलाने वाले शहीद। भारतीय संस्कृति, संस्कार, देश भक्ति, स्वस्थ्य रहने के लिए योग और खेल।
‘बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए बाल गोकुलम प्रशिक्षण प्रस्तावित है। इनकी तिथि तय की जा रहीं हैं, इनके माध्यम से बच्चों को भारतीय संस्कृति और इतिहास की जानकारी दी जाएगी।’
– पदम सिंह, क्षेत्र प्रचार प्रमुख, ब्रज प्रांत, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ