नई दिल्ली- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भारत ही बल्कि दुनिया के कई देशों में अपनी पहुंच बना ली है। आरएसएस का नेटवर्क अब 39 देशों में पहुंच गया है। यहां हिंदू स्वयंसेवक संघ के नाम से शाखाएं लगती हैं। आरएसएस का नेटवर्क अमरीका और ब्रिटेन के साथ मिडल ईस्ट देशों में भी है।
चिन्मय-रामकृष्ण मिशन का मिलता है सहयोग
मुंबई में आरएसएस के विदेश विंग के कॉर्डिनेटर रमेश सुब्रमण्यम ने बताया कि एचएसस दूसरे देशों में चिन्मय और रामकृष्ण मिशन जैसी अन्य हिंदू सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ मिलकर काम करता है। रमेश ने साल 1996 से 2004 के दौरान मॉरिशस में शाखाएं स्थापित करने में काफी योगदान दिया था। अब वह सेवा प्रमुख हैं।
हिंदुओं को जोड़ने के लिए बनाया हिंदू स्वयंसेवक संघ
विदेशों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जगह हिंदू स्वयंसेवक संघ के नाम के इस्तेमाल पर रमेश ने कहा कि हिंदू शब्द का इस्तेमाल पूरी दुनिया के हिंदुओं को जोडऩे के लिए किया जाता है। संघ से करीब 40 दूसरे संगठन जुड़े हैं, लेकिन रमेश के मुताबिक विदेशों में काम कर रहा हिंदू स्वयंसेवक संघ इन सभी से काफी बड़ा है।
फिनलैंड में लगती हैं ई शाखा
उन्होंने बताया कि यहां मैदान की बजाए लोग घरों में इकट्ठा होते हैं। फिनलैंड में संघ की ई शाखा लगाई जाती है। इसमें वीडियो कैमरे के जरिए करीब 20 देशों के संघ से जुड़े लोग शिरकत करते हैं। जिन 39 देशों में शाखाएं लग रही हैं उनमें से पांच देश तो मिडिल ईस्ट के हैं।
आपको बता दें कि भारत के बाद नेपाल में संघ की सबसे ज्यादा शाखाएं लगती हैं। इसके बाद यूएस का नंबर आता है, जहां 146 जगहों पर संघ की शाखाएं लगती हैं। संघ का दावा है कि यूएस में तो शाखाएं बीते 25 साल से लग रही हैं। यूएस में ये शाखाएं हफ्ते में एक बार लगती हैं जबकि ब्रिटेन में दो बार। ब्रिटेन में कुल 84 जगहों पर शाखाएं लगती हैं। -एजेंसी