संघ के कार्यकर्ता गांव-गांव तक पहुचेंगे, तो हिन्दू के साथ अब मुस्लिम लोगों को भी संघ से जोड़ने प्रयासों को तेज किया जाएगा। संघ संगठन को और मजबूत व प्रचारित करने के लिए अपनी आईटी सेल स्थापित करेगा।
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बॉडर्र चित्रकूट में पिछले पांच दिन से चल रहा संघ का चिंतन शिविर का आज समापन हो गया। इस दौरान संगठन को मजबूत करने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए, तो राजनीति पर भी मंथन हुआ।
इस दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल को लेकर बड़ा फैसला किया है। पश्चिम बंगाल को तीन खंडों में विभाजित किया गया है। अब से दक्षिण बंगाल का मुख्यालय कोलकाता, मध्य बंगाल का मुख्यालय वर्धमान और उत्तर बंगाल का मुख्यालय सिलीगुड़ी होगा।
साफ है कि अगले साल कई राज्यों में होने वाले चुनाव से पहले संघ सही और सटीक रणनीति बनाने में जुट गया है।
बहरहाल, आरएसएस की चिंतन शिविर में प्रान्त प्रचारकों को उनके दायित्व का बोध कराने के साथ सालभर की कार्य योजना को संघ ने अंतिम रूप दिया है।
वहीं, दायित्वों में भी फेरबदल किया गया है। दक्षिण बंगाल के प्रांत प्रचारक जलधर महतो को सह क्षेत्र प्रचारक का दायित्व मिला है।
वहीं, सह प्रांत प्रचारक प्रशान्त भट्ट को दक्षिण बंगाल का प्रांत प्रचारक बनाया गया है। इसके अलावा पूर्व क्षेत्र के सह क्षेत्र प्रचारक रमापदो पाल को उड़ीसा और बंगाल के नए क्षेत्र प्रचारक की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जबकि क्षेत्र प्रचारक प्रदीप जोशी को अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई है। अब उनका मुख्यालय चंडीगढ़ होगा। इसके अलावा भैया जी जोशी अब संघ की ओर से विश्व हिंदू परिषद के संपर्क अधिकारी होंगे।
वहीं, डॉक्टर कृष्ण गोपाल को विद्या भारती का संपर्क अधिकारी बनाया गया है। जबकि सर कार्यवाहक अरुण कुमार संघ और भाजपा के बीच समन्वयक का काम देखेंगे।
यही नहीं, चित्रकूट शिविर में कोरोनाकाल में आरएसएस के बन्द पड़े कार्यक्रमों के साथ संघ की शाखाओं को फिर से शुरू करने का ऐलान किया गया है। जबकि संघ अब देशभर में मुस्लिम बस्तियों में अपनी शाखाएं भी खोलेगा।
यही नहीं, अब संघ के कार्यकर्ता गांव-गांव तक पहुचेंगे, तो हिन्दू के साथ अब मुस्लिम लोगों को भी संघ से जोड़ने प्रयासों को तेज किया जाएगा।
संघ संगठन को और मजबूत व प्रचारित करने के लिए अपनी आईटी सेल स्थापित करेगा। आईआईटी पासआउट नौजवानों को मौका मिलेगा।
हालांकि भाजपा की तरह संघ की आईटी सेल अलग होगी। जबकि संघ के कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया में सक्रिय होने के आदेश दिए गए हैं। यही नहीं, संघ को ऐप भा गया है, लिहाजा वह अपनी बातों को प्रचारित करने इसका भरपूर इस्तेमाल करेगा।