तीन तलाक, गोरक्षा, अयोध्या विवाद जैसे ज्वलंत मुद्दों पर मुस्लिमों में पैदा हो रहे भ्रम को दूर करने के लिए आरएसएस से जुड़ा संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच पहल करेगा।
नए साल के शुरू में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का नई उम्मीद और नई सोच के साथ उलेमाओं, बुद्धिजीवियों, धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों, विश्वविद्यालयों के पूर्व वीसी, कानूनविदों के बड़े सेमिनार करने का मंच का प्लान है। सेमिनार में युवाओं को खास नुमाइंदगी दी जाएगी।
तीन तलाक पर सही रुख बताना मकसद
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का मानना है कि तीन तलाक के खिलाफ केंद्र सरकार के विधेयक पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत अन्य मुस्लिम संगठन टकराव की राह पर हैं जबकि सरकार जो भी कदम उस दिशा में उठा रही है, वह कानूनी पहलू पर टिका हुआ है। कोर्ट में चली लंबी बहस और कुरान की भी रोशनी में तथ्य सामने आने के बाद तीन तलाक के खिलाफ फैसला आया। सरकार कोर्ट के इस फैसले को कानूनी अमलाजामा पहनाना चाहती हैं।
मंच का मानना है कि विवाद की कोई बात ही नहीं है। मुसलमानों को कानूने के दायरे में बताया जाएगा कि तीन तलाक को लेकर सरकार की तरफ से हो रही पहल के अमल में आने से महिलाओं को लेकर पैदा हो रही असमानता कैसे दूर होगी और इसके क्या फायदें होंगे। दरअसल, सरकार की इस बिल को जल्द संसद में लाने की तैयारी है और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को सरकार का मसौदा मंजूर नहीं है।
गोरक्षा के मुद्दे पर भी मंथन
गोरक्षा को लेकर अक्सर विवाद सामने आने पर भी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच तस्वीर साफ कराने की कोशिश करेगा। मंच का मानना है कि गोरक्षा के नाम पर होने वाले विवाद में नुकसान आखिरकार मुसलमान का ही होता है। इसलिए उनको गोरक्षा को लेकर होने वाली बदनामी, गोरक्षा के बारे में कानून तथा सरकार की मंशा बिल्कुल साफ करने का प्लान है। लव जिहाद के नाम पर होने वाले विवादों को रोकने और मुस्लिमों में जागरुकता लाने को लेकर भी मंथन मुमकिन है।
अयोध्या विवाद भी रहेगा महत्वपूर्ण
अयोध्या में मंदिर और मस्जिद विवाद को लेकर हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों में पैदा हो रहे अविश्वास को दूर करने की कोशिश सभी बुद्धिजीवियों, उलेमाओं और कानून के जानकारों से कराने की कोशिश की जाएगी। अयोध्या विवाद के कानूनी पहलू की जानकारी दी जाएगी। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच अपने प्रयास से यह भी बताने की कोशिश करेगा कि कट्टरता के माहौल से कैसे बचा जाए और राष्ट्रहित में कैसे काम हो।
कश्मीर मुद्दे पर भी रहेगा फोकस
दिल्ली में नए साल पर होने वाले इस सेमिनार में जम्मू-कश्मीर में अशांति के दौर पर गंभीर मंथन होगा। आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद युवाओं की तरफ की गई गई पत्थरबाजी, आंतकी घटनानओं को रोकने और सरकार की तरफ से वहां शांति के लिए किए गए असल प्रयास की जानकारी देकर स्थिति साफ की जाएगी। मंच ने इस मसौदे को राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने रख दिया गया है। वहां से हरी झंडी मिलते ही सेमिनार की तारीख और स्थान घोषित कर दिया जाएगा। बतौर मेहमान बुलाने वालों के नाम भी लगभग तय हैं।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के युवा एवं छात्र इकाई के राष्ट्रीय संयोजक खुर्शीद रजाका ने कहा कि देश में फिलहाल तीन तलाक, गोरक्षा, अयोध्या विवाद, जम्मू-कश्मीर विवाद समेत तमाम ऐसे मुद्दों से भ्रम दूर करने और असलियत सामने लाने के लिए मंच का नए साल के शुरू में दिल्ली में सेमिनार करने का प्लान है। इसमें देश के बुद्धिजीवी, उलेमा, धर्मगुरु, यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड वीसी, कानूनविद तथा देश की फिक्र रखने वालों को बुलावा भेजेंगे ताकि वह इन मुद्दों की असल तस्वीर पेश कर सकें।