मुंबई- बीएमसी चुनाव के लिए बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद शिवसेना ने उस पर कड़ा हमला किया है और उसकी तुलना मुगलों से की है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि ‘बीजेपी सुविधा के मुताबिक अपने हिंदुत्व के अजेंडे को भूल रही है।’
शिवसेना ने फडणवीस सरकार के उस सर्कुलर पर भी तीखा हमला किया जिसमें सरकारी कार्यालयों और स्कूलों में देवी-देवताओं की तस्वीरों के प्रदर्शन पर रोक लगाने को कहा गया था।
सर्कुलर का हवाला देते हुए सामना ने अपने संपादकीय में लिखा, ‘हिंदुत्व और भगवान राम के मंदिर के नाम पर सत्ता में आने वाले लोग…और गंगा नदी ने बोतलों में पानी बेचने वाले अब राज्य से हमारे देवताओं को निर्वासित करने को तैयार हैं।’ हालांकि शिवसेना के विरोध के बाद सरकार ने आनन-फानन में सर्कुलर को वापस ले लिया।
सामना ने अपने संपादकीय में आगे लिखा, ‘सेना एक हीरे की तरह है…वह उन खटमलों के साथ नहीं रह सकती जिन्होंने महाराष्ट्र की गरिमा को ठेस पहुंचायी है।’ छत्रपति शिवाजी को याद करते हुए सामने ने लिखा कि महान शासक ने कभी ‘धर्म’ के साथ राजनीति नहीं की। ‘उन्होंने हिंदू देवताओं को मुगलों से बचाया…हालांकि मौजूदा सरकार मुगलों की तरह व्यवहार कर रही है…स्वराज के युग में भी यह सरकार अपने ही देवताओं पर हमले शुरू कर चुकी है।’
संपादकीय में बीजेपी पर हमला करते हुए लिखा है, ‘यह सरकार कश्मीरी पंडितों की रक्षा करना नहीं चाहती…वे महबूबा मुफ्ती की ‘आरती’ उतारना चाहते हैं।…वे ‘धर्म’ को प्रोत्साहित नहीं करना चाहते, वे सिर्फ अपनी सीटों को बढ़ाने के इच्छुक हैं।’ सामना ने फडणवीस सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि अरब सागर में शिवाजी स्मारक सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए बनाया जा रहा है।
बीजेपी पर शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाते हुए संपादकीय में लिखा है कि शिवसेना ने हिंदुत्व और राज्य के हितों की रक्षा की कीमत चुकाई है। [एजेंसी]