नई दिल्ली : केरल के पवित्र मंदिर सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद जारी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मंदिर में महिलाओं का प्रवेश रोका गया। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हुए विवाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदर्शनकारी भारी पड़ रहे हैं। मंदिर के द्वार खुलने के बावजूद भी सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को रोका जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद प्रदर्शनकारी 10 से 50 साल की आयुवर्ग महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में न घुसने देने की जिद पर अड़े हैं। रविवार को भी कड़ी सुरक्षा के बीच मंदिर जा रही दो महिलाओं को रोका गया और पुलिस की सुरक्षा के बीच उन्हें वापस लौटने पर मजबूर कर दिया गया।
Sentiment in that area has prevented SC’s verdict to be implemented. It’s true that the decision needs to be enforced but it’s equally true that in a democracy overwhelming sensitivities relating to religious matters can’t&shouldn’t be avoided: A Kumar, Congress #SabarimalaTemple pic.twitter.com/mrPnFgDq3J
— ANI (@ANI) October 21, 2018
इससे पहले बीते शुक्रवार को भी आईजी के साथ करीब 250 पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे में दो महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश की कोशिश की थी लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। इस पूरे विवाद पर विपक्षी कांग्रेस कूद पड़ी है। कांग्रेस ने हिंदू धर्म के अलावा अन्य को मंदिर ले जाने की कोशिश पर पुलिस पर निशाना साधा है। कांग्रेस के नेता आर चेन्निथला ने कहा कि सबरीमाला मंदिर कोई पर्यटन स्थल नहीं है, सिर्फ श्रद्धालु ही मंदिर में जा सकते हैं। वहीं कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश सर्वमान्य है और इसे लागू किया जाना चाहिए, लेकिन लोकतंत्र में इस संवेदनशील मुद्दे को बड़ी सावधानी से निपटना चाहिए। धार्मिक मुद्दे पर संवेदनशीलता से बचा नहीं जा सकता है।