सेक्स के समय कंडोम आपके लिए बेहद जरुरी होता है। ये आपको बीमारी से भी बचाता है और अनचाहे गर्भ से भी दूर रखता है।
आप भले ही दूसरे तरह के प्रटेक्शन यूज कर रहे हों लेकिन कॉन्डम एचआईवी और एसटीडी के रिस्क को कम करते हैं। लेकिन कई लोगों को बिना कंडोम के सेक्स करना पसंद होता है लेकिन सेफ न होने के कारण वो ये तरीका कम ही अपनाते हैं। पर आपको बता दें बिना कंडोम के भी सेफ सेक्स किया जा सकता है।
कई लोग सोचते हैं कि पुल आउट मेथड या डाउचिंग से एसटीडी और अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है, जानें क्या है हकीकत।
डाउचिंग
डाउच शब्द का मतलब फ्रेंच में होता है शावर। इसमें सेक्स के बाद पानी या विनेगर-पानी वाले सॉल्यूशन से वजाइना और इसके आसपास के हिस्से को धोया जाता है।
भले ही महिलाएं ये कहें कि ऐसा करने से उन्हें साफ महसूस होता है लेकिन एक्सपर्ट इस तरीके को सपॉर्ट नहीं करते। मार्केट में डाउच भी आते हैं लेकिन इस तरीके से कई इन्फेक्शंस हो सकते हैं।
पुल आउट तरीका
इस तरीके में इजैक्युलेशन से ठीक पहले वजाइना से पेनिस को बाहर निकाल लेना होता है। ऐसा करने से स्पर्म वजाइना में नहीं पहुंचते और प्रेग्नेंसी का खतरा नहीं रहता है। लेकिन यह तरीका भी भरोसमंद नहीं है।
इसके लिए काफी सेल्फ कंट्रोल और इजैक्युलेशन का सटीक अंदाजा होना जरूरी है। कई बार इजैक्युलेशन के पहले भी स्पर्म बाहर आ जाते हैं जिससे प्रेग्नेंसी का खतरा रहता है। इसलिए यह तरीका भी ठीक नहीं।
क्या बिना कॉन्डम से करना ठीक है?
यह समझना जरूरी है कि कॉन्डम्स ही ऐसा तरीका है जो अनचाहे गर्भ औऱ एसटीडी से सबसे अच्छा प्रटेक्शन देता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह वजाइना और स्पर्म के बीच फिजिकल बैरियर का काम करता है।