मंगलवार को सहारनपुर में जो कुछ हुआ, वो सब पहले से ही सुनियोजित था, कहां क्या होना है और कितनी देर होना है यह पहले से तय था। इसकी शुरुआत गांधी पार्क से होनी थी और इसके बाद पूरे शहर को जलाने की तैयारी की गई थी। गांधी पार्क पर यहीं से शहर में घुसने वाले मुख्यमार्गों को कब्जे में लेने का मैसेज हुआ था।
शब्बीरपुर प्रकरण के बाद भीम आर्मी के नेतृत्व में दलित समाज ने रविदास छात्रवास पर महापंचायत करने का ऐलान किया था। यह पंचायत महाराणा प्रताप जयंती यानी मंगलवार को होनी थी। हालांकि प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी, लेकिन भीम आर्मी ने शब्बीरपुर प्रकरण के बाद से ही इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया था। व्हाट्सअप ग्रुप पर युवाओं को एकत्र किया जा रहा था। एलआईयू ने भी इसकी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी थी। लेकिन प्रशासन ने रिपोर्ट को हल्के में लिया और छात्रवास पर होने वाली पंचायत तक ही सीमित रहा।
दूसरी ओर दलितों की योजना आगे तक की तय हो गई थी। छात्रवास के बाद गांधी पार्क में इकठ्ठा होकर शहर को जलाने की साजिश थी। इसके लिए महानगर के चारों मुख्यमार्गों पर कब्जा करने का प्लान तैयार किया गया था जिससे पुलिस बल एक जगह एकत्र न हो सके। सोशल साइट पर पूरी रणनीति तय हुई थी और एक दूसरे के साथ शेयर की गई थी। योजना के तहत ही लोग मंगलवार को छात्रवास पर एकत्र हुए। जैसे ही यहां पर पुलिस ने सख्ती की तो दलितों की भीड़ गांधी मैदान में पहुंच गई।
यहां पर भी पुलिस ने भीड़ को दौड़ा दिया और कुछ युवकों को हिरासत में भी लिया गया। इसके बाद योजना के तहत यहीं से महानगर में घुसने वाले सभी मुख्य मार्गों को कब्जे में लेने का मैसेज हुआ। भीम आर्मी के नेतृत्व में दलितों ने महानगर के मल्हीपुर रोड, चिलकाना रोड, बेहट रोड, दिल्ली रोड़, अंबाला रोड़ को कब्जे में लेकर हंगामा शुरू कर दिया। एक जगह फोर्स इकठ्ठा न हो इसके लिए महानगर के हर कौने पर हंगामा, तोड़फोड़ और आगजनी की गई। फोर्स को डायवर्ट कर हथियारों के दम पर जमकर अराजकता फैलाई। जो चाहा वह किया और फोर्स मूकदर्शक बनी रही।
सहारनपुर में मंगलवार को पुलिस बल पर पथराव करते उपद्रवी
जिले में पिछले 20 दिनों से पुलिस और प्रशासन को उपद्रवियों के द्वारा खुली चुनौती दी जा रही है। हर बार पुलिस फेल साबित हो रही है। मंगलवार को हुए उपद्रव में जिलेभर में पूरी तरह अराजकता का माहौल रहा। उपद्रवी बेखौफ होकर पुलिसवालों को पीटते रहे और गाड़ियों में आग लगाते रहे। खुलेआम अवैध असलहों से फायरिंग करते रहे। उनके इस उपद्रव में फंसे लोग भगवान से जिंदगी की भीख मांगते नजर आ रहे थे। मंगलवार को उपद्रवियों ने सबसे ज्यादा बवाल मल्हीपुरा रोड और नाजिरपुरा रोड पर किया। दोनों जगह उन्होंने पुलिस को भी नहीं बख्शा।
कई पुलिस वालों को इन उपद्रवियों ने पीट डाला। अफसरों के हमराह और अपने निजी दोपहिया वाहनों से ड्यूटी पर पहुंचे पुलिसवाले और मीडियाकर्मी इन उपद्रवियों के शिकार बने। यहां तक कि एसपी सिटी और एडीएम प्रशासन तक पर उपद्रवी हमलावर हो गए तब छोटे कमर्चारी भी भाग गए। उपद्रवियों के दुस्साहस की इंतेहा तब हो गई जब पुलिस के सामने की पुलिस चौकी को फूंक दिया गया और पुलिस कुछ नहीं कर सकी। करीब एक घंटा उपद्रवियों ने ये हाल रखा कि जो दिखा उसे पीटा। वाहनों में आग लगाते रहे।
नाजिरपुरा पर जिस बस में आग लगाई गई उसमें 55 यात्री बताए गए हैं, जो शाकुंभरी देवी मंदिर से लौट रहे थे। भीड़ ने इस बस को घेर लिया। कुछ उपद्रवी डीजल टैंक को फोड़ने लगे। जोर-जोर से आग लगाने की आवाजें आने लगी। डर से कांप रहे यात्रियों ने हाथ जोड़े और नीचे उतारने की मनुहार की। भीड़ में कुछ लोगों ने किसी तरह यात्रियों को नीचे उतरने दिया, लेकिन उतरने के दौरान भी उनसे मारपीट की गई। यात्री उतरे भी नहीं थे कि भीड़ ने बस में आग लगा दी।
@एजेंसी