सहारनपुर हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण बनी हुई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने देर रात विशेष विमान से पांच वरिष्ठ अधिकारियों को वहां भेजा। अभी वहां आलाधिकारियों की बैठक जारी है। पुलिस ने बताया कि अबतक 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर में घटी घटना को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घटना में मारे गए युवक के प्रति शोक संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा है कि इस घटना के दोषी व्यक्तियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जो लापरवाही घटित हुई है, उससे संबंधित अधिकारियों को दंडित किया जाएगा। पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट किया गया है।
मुख्यमंत्री ने धैर्य और संयम बनाए रखने के साथ-साथ विपक्षी दलों सहित सभी लोगों से शांति बहाली में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि सरकार सबकी है। जाति, पंथ, मजहब के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। सहारनपुर में शांति बहाली के लिए पांच वरिष्ठ अधिकारियों गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आदित्य मिश्रा, आईजी एसटीएफ अमिताभ यश, डीजी सिक्योरिटी विजय भूषण व एटीएस से एक अधिकारी को विशेष विमान से देर रात सहारनपुर भेजा गया है।
ऊर्जा मंत्री व सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि यह अपेक्षा थी कि सहारनपुर में आज पूर्व मुख्यमंत्री के जाने से शांति बहाली में सहयोग मिलेगा लेकिन ऐसा न होना दुखद है। सहारनपुर जनपद में शांति और सद्भाव का वातावरण बन चुका था लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री के पहुंचने पर तनाव और अशांति का माहौल बना और दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई जिसमें निर्दोष युवक मारा गया। शर्मा ने कहा कि नई सरकार की उपलब्धियों से भरे दो महीने के कार्यकाल को विपक्षी पचा नहीं पा रहे हैं। सरकार विपक्ष के षड्यंत्रों और नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी।
हालात भांपने में प्रशासन से फिर हुई चूक
बिगड़े हालात को भांपने में प्रशासन से फिर चूक हुई है। प्रशासन ने पहले तो बसपा सुप्रीमो मायावती के मंगलवार के शब्बीरपुर दौरे को हल्के में लिया, जिसका नतीजा यह रहा कि उनके पहुंचने से दस मिनट पहले ही गांव का माहौल फिर से बिगड़ गया। पर्याप्त पुलिस बल तैनात न होने की वजह से अव्यवस्था रही।
सबसे पहले 20 अप्रैल को सड़क दूधली में डॉ. अंबेडकर की शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक बवाल हुआ था। उसके बाद एसएसपी कार्यालय तक पर तोड़फोड़ की गई थी। उक्त घटना में प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई थी। दूसरी चूक प्रशासन से शब्बीरपुर में हुई। यहां महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में निकाली जा रही शोभायात्रा को लेकर दलित और राजपूतों में संघर्ष हो गया था। इसके बाद नौ मई को जिले भर में हुए उपद्रव में भी प्रशासन और खुफिया विभाग फेल नजर आया था। शब्बीरपुर में भी प्रशासन ने खूब लापरवाही बरती।
मायावती ने किया था सचेत
मायावती ने सड़क मार्ग से दिल्ली से चलने से पहले ही अगाह कर दिया था कि प्रशासन ने उन्हें हेलीकॉप्टर से आने की अनुमति नहीं दी है। ऐसे में यदि उनके साथ कोई घटना घटती है तो उसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार होगी। बहरहाल मायावती के क्षेत्र से सकुशल निकलने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।
पीड़ित से मिलीं मायावती तो छलक पड़े आंसू
पांच मई को शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा के पीड़ितों का दर्द बांटने के लिए मंगलवार को गांव शब्बीरपुर पहुंची मायावती पीड़ितों से मिलते वक्त भावुक हो गईं। उन्होंने पीड़ित को ढांढस बंधाते हुए संयम बरतने को कहा। मायावती को भावुक होता देख पीड़ितों के भी आंसू छलक। उन्होंने रोते अंदाज में ही मायावती को पूरी घटना की जानकारी दी। मायावती ने कानून को हाथ में न लेने की बात पीड़ितों से कही। मायावती को उन सभी पीड़ितों के घर जाना था, जिनके जातीय संघर्ष में घर जला दिए गए थे। मगर उनके समर्थकों की भारी भीड़ की वजह से गांव में अव्यवस्था की स्थिति बन गई। ऐसे में मायावती गांव के बीच से ही लौट गईं।
पहले से ही थी हमले की तैयारी
शब्बीरपुर बवाल की आग की लपटों में झुलस रहे सहारनपुर में एक बार फिर हिंसा को भड़काने की पूरी कोशिश की गई। जिस तरह योजनाबद्ध तरीके से हमलावरों ने गाड़ी को निशाना बनाया उससे साफ है कि वे पूरी तैयारी से थे। हमलावरों को मालूम था कि गाड़ियों का काफिला एक बार शुरू हुआ तो फिर वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएंगे। यह माना जा रहा है कि गांव के बाहर घंटों से घात लगाकर वे बैठे थे। सभा समाप्त होने के बाद जब पहली गाड़ी निकली तभी उस पर हमला बोला।
बसपा की ओर से किया आर्थिक मदद का एलान
मायावती ने कहा कि बसपा धन्ना सेठों की पार्टी तो नहीं है, लेकिन पार्टी के बजट से पीड़ितों की मदद की जाएगी। जिनके घर जले हैं उनको 50-50 हजार रुपये और जो जख्मी हुए हैं उन्हें 25-25 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।
सांसद राघव लखनपाल शर्मा ने शब्बीरपुर गांव को लिया गोद
शब्बीरपुर गांव सियासत का केंद्र बन चुका है। बवाल के बीच सांसद ने इस गांव को गोद लेने की घोषणा की है। सांसद की ओर से इसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को भी दे दी गई है। बता दें कि सांसद राघव लखनपाल शर्मा ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत बेहट के खुशहालीपुर गांव को गोद लिया था। इस वर्ष उन्होंने देवबंद के शब्बीरपुर गांव को गोद लिया है।
@एजेंसी