मध्य प्रदेश के भोपाल में एक सरकारी स्कूल में वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें वहां पढ़ने वाली सभी छात्राओं से मिट्टी की शिवलिंग बनाने के लिए कहा गया। स्कूल की प्रिंसिपल ने स्टूडेंट्स से कहा कि अगर वह एग्जाम में अच्छे नंबर चाहती हैं तो इस वर्कशॉप में हिस्सा लें।
इस वर्कशॉप का करीब 100 मुस्लिम गर्ल्स स्टूडेंट्स ने बायकॉट किया। द क्विंट के मुताबिक मुस्लिम स्टूडेंट्स का आरोप है कि उन्हें इसके खिलाफ विरोध करने के लिए एक अलग क्लास रूम में बंद कर दिया गया। लड़कियों को बाद में घर जाने दिया गया। यह घटना भोपाल के कमला नेहरू गर्ल्स हायर सैकेंडरी स्कूल की है।
यह स्कूल भोपाल के टीटी नगर में है। हालांकि वर्कशॉप स्कूल के कुछ अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित की गई थी। इस तरह की धार्मिक गतिविधि को परिसर में रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया।
इस स्कूल में अलग अलग धर्मों के स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। स्कूल की प्रिंसिपल निशा कामरानी ने स्टूडेंट्स से कहा कि अगर वह अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो पूरी लगन से शिवलिंग बनाएं। इस दौरान स्कूल में एक पुजारी भी मौजूद थे जिन्होंने माइक पर संस्कृत मंत्रों का जप करके यज्ञ किया था।
जब मुस्लिम छात्र इसमें हिस्सा लेने से संकोच कर रहे थे, तो उन्हें एक और कमरे में बैठने के लिए कहा गया और कथित रूप से स्कूल के अधिकारियों ने उन्हें बंद कर दिया था। जब लड़कियों ने आगे विरोध किया, तो उन्हें घर जाने के लिए कहा गया।
कुछ शिक्षकों ने भी पूजा में हिस्सा लिया था। इस दौरान सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा की गई। कुछ लोग इससे खुश नहीं थे। स्कूल के ही एक टीचर ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि ऐसी धर्म-विशेष गतिविधियों का आयोजन स्कूल में करना उचित नहीं।
शिवलिंग बनाने की वर्कशॉप खत्म होने के बाद स्कूल में ही भंडारे का आयोजन भी किया गया। स्कूल की कक्षा 10 की एक स्टूडेंट ने बताया कि एक दिन पहले संबंधित शिक्षकों ने इसके बारे में घोषणा की थी। एक मुस्लिम छात्रा के मुताबिक जब उसने शिवलिंग बनाने से मना किया तो उससे कहा गया कि उसके नंबर काट लिए जाएंगे।