उर्दू गेट को ध्वस्त किए जाने के बाद सपा विधायक अब्दुल्ला आजम ने कहा कि गेट का नाम उर्दू गेट था इस वजह से इसको तोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को उर्दू अल्फाज और मुसलमानों से नफरत है।
यह कार्रवाई लोकसभा में भाजपा को फायदा पहुंचाने के मकसद से की गई है। तैयारी तो यह थी कि रामपुर में दंगा भड़का कर पूरे देश में इसका सियासी लाभ लिया जाए।
सपा कार्यालय पर बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर अब्दुल्ला ने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से गेट को गिराया गया है। उर्दू गेट की वजह से खनन के वाहन स्वार रोड पर नहीं आ पाते थे। इस वजह से अधिकारियों की कमाई बंद हो गई थी।
अधिकारियों ने अपनी जेब गरम करने के लिए गेट गिरवाया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में मुसलमानों को दूसरे देश का नागरिक समझा जा रहा है। अब मुसलमानों के पास दो ही विकल्प बचा है, या तो वह भाजपा में शामिल हो जाएं या अपना धर्म बदल लें।
विधायक ने ऐसी आशंका जताई कि आने वाले दिनों में आंबेडकर का गेट और बाबा साहब की प्रतिमा भी गिराई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि पूरे जिले में मुस्लिम मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से गायब किया जा रहा है। ऐसे में लोकसभा का चुनाव भी निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो पाना भी संभव नहीं लग रहा है।