मुंबई – सांताक्रुज पूर्व मुंबई उपनगर का एक ऐसा हिस्सा है। जहाँ झोपड पट्टियाँ बड़े पैमाने पर बसी हुयी हैं। माध्यम वर्ग में युवा शिक्षा के आभास के चलते बेरोज़गारी एक बडी समस्या बनकर रह गयी है। कोई काम नहीं होने के कारण कम उम्र के बच्चे गांजा, एमडी और मटका व्यापार में हाथ बडा कर अपना गुजर बसर करने वास्ते गैरकानूनी कामो में उतर कर इस रास्ते को अख्तियार कर लिया है। आगे चल कर इसका अंजाम की चिंता नहीं है की क्या होगा ?
गौरतलब हो की सांताक्रुज पूर्व मुंबई उपनगर झोपड़पट्टियों से भरा एक ऐसा इलाका है जहाँ शिक्षा का आभाव और बेरोज़गारी बहुत बड़ गयी है। गुजर बसर करने के लिए और पेट को पालने के लिए कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा। कमाई का कोई साधन नहीं रहा और वक़्त भी पहले जैसा नहीं रहा। सांताक्रुज में कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने मटका व्यापार से काफी पैसा कमाया उस धंधे को छोड़ होटल इंडस्टीज में उत्तर गए। और आज साफ़ सुथरा कपडा पहनकर साफ़ धंधे में व्यवसाय कर रहे हैं।
लेकिन अपने तो सुधर गए जो लोग उनके पास काम करते थे वो ? चोरी छिपे आज मटका के साथ साथ गांजा और एम डी ड्रग्स सांताक्रुज पूर्व के आस पास के हनुमान टेकड़ी, जाकु क्लब, डवरी नगर, प्रभात कॉलोनी, धोबीघाट, दत्त मंदिर रोड जैसे क्षेत्रों में तेज़ी से पाँव पसार रहा है। इसमें कहीं न कहीं गलती प्रशासन की है। आजतक वाकोला पुलिस थाणे की तरफ से आम नागरिकों के साथ मिलकर कोई भी मुहीम नहीं चलायी गयी इसे रोकने के लिए।
इन क्षेत्रों हर चौराहे पर कई ऐसे व्यक्ति मिलेंगे जिसके हाथ में छोटी डायरी कलम मिलेगी और आंकड़ा लिखते नज़र आएंगे। इनके पीछे कौन हैं वो लोग जो तस्वीर के सामने नहीं आतें हैं। वकोला हाई वे सिग्नल के पास ही एक ऐसा व्यक्ति है जो पुलिस का खबरी है वो भी बेचता है खुलेआम ड्रग्स, युवा पीढ़ी एम डी या म्यांऊ-म्यांऊ की चपेट में धीर धीरे आ गयी है। जिस से देश के भविष्य को ख़तरा हो गया है। स्कूल और कॉलेज के छात्र भी इसका सेवन करने लगें हैं।
म्यांऊ-म्यांऊ की खपत दिन ब दिन बड़ रही है। और भाव भी बड़ गया है। म्यांऊ-म्यांऊ इस वक़्त नए नाम से जानी जाएगी इसका बदल कर अब एम डी या म्यांऊ-म्यांऊ से बुक या रावा हो जायेगा।
ताकि इसके तस्करों को किसी को कोई परेशानी न हो। कोई काम नहीं होने के कारण कम उम्र के बच्चे गांजा, एम डी और मटका व्यापार में हाथ बडा कर अपना गुजर बसर करने वास्ते गैरकानूनी कामो में उतर चुकें हैं और आगे चल कर इसका अंजाम की चिंता नहीं है की क्या होगा ? इस तरह सांताक्रुज पूर्व में पसरता एम डी, गांजा और मटके का व्यापार जिससे क्षति पहुँच रही है देश की युवा पीढ़ी को पुलिस जुटी अपनी हफ्ता वसूली में। रिपोर्ट :-अजय शर्मा