16.1 C
Indore
Saturday, December 21, 2024

पानी से सस्ता तेल, भारत में रेट आसमान पर

लॉकडाउन की वजह से दुनियाभर में लोग घरों में है। तेल की मांग में कमी की यह भी एक बड़ी वजह है। दुनिया के पास फिलहाल इस्तेमाल की ज़रूरत से ज़्यादा कच्चा तेल है और आर्थिक गिरावट की वजह से दुनियाभर में तेल की मांग में कमी आई है। तेल के सबसे बड़े निर्यातक ओपेक और इसके सहयोगी जैसे रूस, पहले ही तेल के उत्पादन में रिकॉर्ड कमी लाने पर राज़ी हो चुके है।

अमरीका और बाकी देशों में भी तेल उत्पादन में कमी लाने का फ़ैसला लिया गया है। लेकिन तेल उत्पादन में कमी लाने के बावजूद दुनिया के पास इस्तेमाल की ज़रूरत से अधिक कच्चा तेल उपलब्ध है। समंदर और धरती पर भी स्टोरेज तेज़ी से भर रहे हैं। स्टोरोज की कमी भी एक समस्या बन रही है। साथ ही कोरोना महामारी से बाहर आने के बाद भी दुनिया में तेल की मांग धीरे-धीरे बढ़ेगी और हालात सामान्य होने में लंबा वक़्त लगेगा। क्योंकि यह सब कुछ स्वास्थ्य संकट के निपटने पर निर्भर करता है।

कच्चे तेल की कीमतें कोरोना वायरस महामारी और रूस तथा सऊदी अरब के बीच जारी कीमत कीमत युद्ध के कारण काफी टूट चुकी हैं। लेकिन भारत में तेल की कीमतों में गिरावट के बाद भी उपभोक्ताओं को लाभ नहीं मिलता है, तेल और गैस क्षेत्र भारत के आठ प्रमुख उद्योगों में से एक है और अर्थव्यवस्था के अन्य सभी महत्वपूर्ण वर्गों के लिए निर्णय लेने को प्रभावित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। इसलिए, तेल और गैस के दाम अधिक बढ़ने का अनुमान है। सरकार ने इस क्षेत्र के कई क्षेत्रों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी है, जिसमें प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम उत्पाद और रिफाइनरियाँ शामिल हैं।

कच्चा तेल बोतलबंद पानी से भी सस्ता-

भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों से जुड़ी हैं। जिसका मतलब है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें गिरती हैं, जैसा कि फरवरी से काफी हद तक चलन रहा है, तो खुदरा कीमतों में भी कमी आनी चाहिए, लेकिन हुआ ठीक इसके विपरीत। तेल कंपनियों ने 82 दिनों के अंतराल के बाद बीते रविवार से संशोधित कीमतों को फिर से शुरू करने के बाद से ऑटो ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी की। पिछले छह दिनों में पेट्रोल की कीमत में 3.31 रुपये प्रति लीटर और डीजल में 3.42 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।


बीते माह न्यूयॉर्क ऑयल मार्केट में तेल की कीमतें इतनी गिरी की कच्चा तेल बोतलबंद पानी से भी सस्ता हो गया। सवाल उठता है कि दुनियाभर में बाजार में कच्चे तेल की कीमत पानी से भी कम हो गई है तो हमें पेट्रोल-डीजल इतना महंगा क्यों मिल रहा है? भारत में पेट्रोलियम पदार्थों की मांग भले ही तेजी से बढ़ी हों, लेकिन उत्पादन पर्याप्त नहीं है। ऐसे में हमें अपनी जरूरत का करीब 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करना पड़ता है। जाहिर है कि यदि विदेशी बाजार में यह महंगा होता तो घरेलू बाजार में पेट्रोल—डीजल महंगा होगा और कच्चा तेल सस्ता होगा तो पेट्रोलियम उत्पाद सस्ता होता है तो यह सस्ता होगा। लेकिन अभी ऐसा दिख नहीं रहा है भारत में तेल की कीमत में गिरावट एक तरह से अजीब है – जब वैश्विक कीमतें बढ़ती हैं, तो यह उपभोक्ता को भरना पड़ता है, जिसे खपत किए गए प्रत्येक लीटर ईंधन के लिए अधिक पैसा देना पड़ता है। लेकिन जब रिवर्स होता है और कीमतें नीचे जाती हैं, तो सरकार यह सुनिश्चित करते हुए कि यह अतिरिक्त राजस्व में है, तो अपने पास रख लेती है और उपभोगताओं को कोई छूट नहीं देती।

कच्चे तेल का सस्ता होना, तेल सस्ता होना नहीं-

कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद उपभोक्ताओं को लाभ नहीं मिलते। फरवरी की शुरुआत में क्रूड की कीमतें औसतन $ 55 प्रति बैरल से घटकर $ 35 तक पहुंच गईं, और फिर मार्च के अंत तक गिरकर 20 डॉलर तक पहुंच गई, क्योंकि मांग में गिरावट थी। उस समय से, कीमतें अब लगभग $ 37 तक वापस आ गई हैं। दूसरी ओर, भारत में, ईंधन की खुदरा कीमतें 82 दिनों के रिकॉर्ड के लिए जमी हुई है, यहां तक कि ईंधन पर उत्पाद शुल्क में केंद्र द्वारा दो बार बढ़ोतरी की गई। हालांकि सरकार ने दावा किया कि बढ़ोतरी का असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ा है, लेकिन बाद में कच्चे तेल की कीमतों में इस गिरावट का फायदा निम्न स्तर पर पहुंचने में नहीं हुआ। केंद्र के अलावा, कई राज्यों ने इस अवधि के दौरान ऑटो ईंधन पर लगान भी बढ़ाया।

वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि तेल कीमतों को बढ़ाने का निर्णय तंग राजकोषीय स्थिति को देखते हुए लिया गया है और खुदरा कीमतों में उत्तरोत्तर वृद्धि की जा रही है। कच्चे तेल की कीमतें माइनस में जाने का यह मतलब नहीं है कि आज या कल से ही तेल सस्ता हो गया है। दरअसल मई महीने में कच्चे तेल की सप्लाई के लिए जो ठेके दिए जाते हैं वो अब निगेटिव में चला गया है। तेल विक्रेता दुनिया के देशों से तेल खरीदने के लिए कह रहे हैं लेकिन तेल खर्च करने वाले देशों को इसकी जरूरत नहीं है, क्योंकि उनकी अरबों की आबादी घरों में बैठी है लिहाजा वे तेल नहीं खरीद रहे हैं। उनका तेल भंडार भरा हुआ है, पुराना तेल खर्च न होने से उनके पास नया तेल स्टोर करने के लिए जगह नहीं है।

भारत आयात के जरिए पूरी करता है मांग-

भारत कच्चे तेल का बड़ा आयातक है। खपत का 85 फीसदी हिस्सा भारत आयात के जरिए पूरा करता है। इसलिए जब भी क्रूड सस्ता होता है, तो भारत को इसका फायदा होता है। तेल सस्ता होने की स्थिति में आयात में कमी नहीं पड़ती लेकिन भारत का बैलेंस ऑफ ट्रेड कम होता है। इससे रुपए को फायदा होता है क्योंकि डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए में मजबूती आती है, जिससे महंगाई भी काबू में आ जाती है। सस्ते कच्चे तेल से घरेलू बाजार में भी इसकी कीमतें कम रहेंगी।

भारत की निर्भरता ब्रेंट क्रूड की सप्लाई पर है, न कि डब्लूटीआई ( टेक्सास इंटरमीडिएट ) की। ब्रेंट का दाम अब भी 20 डॉलर के ऊपर बना हुआ है। गिरावट सिर्फ डब्लूटीआई के मई में दिखाई दी, जून अब भी 20 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर है। लिहाजा भारत पर अमेरिकी क्रूड के नेगेटिव होने का खास असर नहीं होगा। जब भी कच्चे तेल के भाव में जब एक डॉलर की कमी आती है तो भारत के आयात बिल में करीब 29000 करोड़ डॉलर की कमी आती है। यानी 10 डॉलर की कमी आने से 2 लाख 90 हजार डॉलर की बचत। सरकार को इतनी बचत होगी तो जाहिर है पेट्रोल-डीजल और अन्य फ्यूल के दाम पर असर पड़ेगा।

गिरी कीमतों का फायदा सरकार और तेल कंपनियों को-

मतलब साफ है दाम घटने के सारे फायदे सरकार और तेल कंपनियों के खाते में जा रहे हैं, जनता को नहीं दिए जा रहे। जब कच्चा तेल महंगा होता है तो दाम तुरंत बढ़ जाते हैं। अब जब सस्ता हो रहा है तो दाम और घटने भी चाहिए। अर्थशास्त्री भी मानते हैं कि इस गिरावट का कुछ फायदा आम लोगों तक भी पहुंचना चाहिए। कच्चा तेल सस्ता होने का कुछ फायदा आम आदमी को भी मिलना चाहिए। साथ ही, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो अतिरिक्त कमाई तेल पर कर से हो रही है उसका इस्तेमाल बुनियादी सेक्टर में नए निवेश और नरेगा जैसी सामाजिक विकास की योजनाओं पर हो।

डॉo सत्यवान सौरभ,
रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, दिल्ली यूनिवर्सिटी,
कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,

Related Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...