रियाद – सऊदी अरब ने एक शिया धर्मगुरु शेख निम्र-अल-निम्र समेत 47 को शनिवार को मृत्युदंड दे दिया गया। इनमें से अधिकांश अलकायदा के संदिग्ध आतंकी थे।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन लोगों की सजा पर किस तरह से अमल किया गया, लेकिन सऊदी अरब में सामान्यतः सार्वजनिक तौर पर दोषियों का सिर कलम किया जाता है। शिया धर्मगुरु की सजा पर ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सऊदी अरब को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
सुन्नी बहुल देश सऊदी अरब में 1980 के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में एक साथ दोषियों को मृत्युदंड दिया गया है। आंतरिक मामलों के मंत्रालय की ओर से इस आशय के संदेश को सरकारी चैनल पर प्रसारित किया गया।
अलकायदा के हमलों से जुड़े फुटेज दिखाते हुए प्राणदंड देने के फैसले को जायज ठहराया गया है। सऊदी में न्यायिक फैसले लेने वाले सर्वोच्च नेता शेख अब्दुलअजीज अल अल-शेख ने भी लोगों को संबोधित किया और इस कदम को न्यायसंगत बताया। सऊदी अरब में वर्ष 2016 में मौत की सजा पर अमल का यह पहला मामला है। वर्ष 2015 में 157 और 2014 में 90 दोषियों के मृत्युदंड पर अमल किया गया था।
अलकायदा के ताबड़तोड़ हमलों के बाद वर्ष 2003-06 के बीच हजारों संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था, जिनमें सैकड़ों को दोषी ठहराया जा चुका है। इसके अलावा वर्ष 2011-13 के दौरान हुए विरोध-प्रदर्शनों में शामिल रहे अल्पसंख्यक शिया समुदाय के सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया था।
हिसक प्रदर्शनों में कई पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी। इसका नेतृत्व निम्र ने किया था। हिरासत में लिए गए शिया समुदाय के कई लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है।
शिया धर्मगुरु शेख निम्र-अल-निम्र के भाई मुहम्मद अल-निम्र ने कहा कि मृत्युदंड दिए जाने की खबर से उनका पूरा परिवार स्तब्ध है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि घटना पर होने वाली प्रतिक्रिया शांतिपूर्ण रहेगी। मुहम्मद के बेटे अली को भी प्राणदंड दिया गया है।
ईरान के शीर्ष धर्मगुरुओं में एक आयतुल्ला अहमद खतामी ने कहा कि इस घटना के बाद सऊदी के सत्तारूढ़ परिवार की सत्ता खत्म हो जाएगी। यमन के हाउती विद्रोहियों ने इसे मानवाधिकार का खुला उल्लंघन बताया है। निम्र की सजा पर अमल के खिलाफ बहरीन में दर्जनों लोग सड़क पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।