25.1 C
Indore
Sunday, December 22, 2024

वैलेंटाइन डे : पाबंदियों के बजाय जज़्बे को बलंदियों पर ले जाए

आज वैलेंटाइन डे है। मोहब्बत के इज़हार का दिन। अपना मुल्क अफ़ग़ानिस्तान छोड़ा तो उम्र काफ़ी कम थी। यौम-ए-मुहब्बत जैसे किसी दिन की याद नहीं आती। बीच के दिनों मे जब जाना हुआ तो भी नई नस्ल के दरमियान ऐसी कोई हरकत नहीं देखी। अम्मी बताती हैं कि तेईस-चौबीस साल पहले जब अब्बू के साथ उनकी मोहब्बत परवान चढ़ी थी तो वैलेंटाइन का उन्होंने बस नाम भर सुना था। अब्बू ज़रूर दुनिया के ज़्यादातर हिस्से घूम चुके थे तो 14 फरवरी को अम्मी के लिए ख़ास बना दिया था। हमारे काबुल में एक गली है, जहाँ क़िस्म-क़िस्म के गुल और गुलदस्ते मिलते हैं। इसे कूचा-ए-गुल कहते हैं, फ्लावर स्ट्रीट। अब्बू ने एक ज़कारिया चचा को पटा रखा था था। अक्सर उनकी दुकान पर चले जाया करते थे। चचा यह दिन याद रखते थे और अलस्सुबह कुछ ख़ास गुलदस्ते घर पहुँचा जाते थे। अम्मी बताती हैं कि अब्बू कहीं भी रहें, पर इस दिन दोपहर होते-होते हाज़िर हो जाते थे। अम्मी भले ही रसूख़दार घर की थीं, पर काबुल जैसे शहर में भी खुलेआम मोहब्बत का इज़हार मुमकिन नहीं था। अलबत्ता, शहर हमारा था तो अम्मी ही अब्बू को लेकर किसी रेस्टोरेंट में जाती थीं और दोनों मनपसंद खाना खाते थे।

आजकल सोशल मीडिया ने नौजवान दिलों को इज़हार-ए-मोहब्बत का ज़रिया दे दिया है, तो अफ़ग़ानी नौजवान भी कुछ मैसेज वग़ैरह भेजकर या गिफ्ट वग़ैरह देकर अपने दिलों के जज़्बात ज़ाहिर करने लगे हैं। तादाद अभी ज़्यादा नहीं है। इसके अलावा, आज भी अफ़ग़ानिस्तान में मोहब्बत के मारों के लिए पार्कों में बैठकर खुलेआम गुफ़्तगू करने की गुंजाइश नहीं है। बहरहाल, इश्क़िया अफ़साने बनते ही हैं और लोग जानें भी गँवाते ही हैं। वक़्त के साथ मीडिया में ज़रूर वैलेंटाइन का शोर उठता है, पर ज़मीनी हक़ीकत ज़्यादा कुछ नहीं है। मज़हबी फ़ौजें सिर क़लम कर सकती हैं। इस दौर में आबोहवा में कुछ आज़ादी आई है, पर मज़हब के बने पैमाने बहुत नहीं बदले हैं। खुलकर मोहब्बत करने की ऐसी सज़ा मिल सकती है कि आप उसे याद कर-करके ताउम्र काँपते रहें। अब्बू-अम्मी अपने मक़सद में कामयाब कैसे हुए, यह दिलचस्प है। अफ़साना लंबा है, बयान करने के लिए अम्मी की इजाज़त लेनी पड़ेगी, इसलिए फिर कभी।

जो भी हो, मोहब्बत करने वालों पर पहरे बैठाने की मैं हामी नहीं हूँ। न कभी इश्क़ किया, न इश्क़िया माहौल में रही, पर इश्क़वालों से मुझे कोई शिकायत नहीं है, अगरचे वे अपने साथी के प्रति वफ़ादारियों का मुजस्समा सँभाले रहें। कहते हैं कि फ़क़ीर वैलेंटाइन, जिनकी याद में पश्चिमी तहज़ीब ने इस तेहवार को मनाना शुरू किया, उनका मक़सद बहुत पाक़ीज़ा था। उन्होंने बादशाह की मुख़ालफ़त करते हुए जवान जोड़ों की शादियाँ कराईं और ख़ुशी-ख़ुशी फाँसी पर लटक गए। उनके मक़सद का दायरा बहुत दूर तलक जाता है। सबका भला चाहने वाला एक फ़क़ीर किसी भी मज़हब का हो, क्या फ़र्क़ पड़ता है!

माना कि जिस्मानी मोहब्बत में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है, पर सोचती हूँ तो लगता है कि सारी कायनात ही मोहब्बत की किसी डोर में बँधी है। सूरज, चाँद, सितारे..कहकशाँ के सारे बेजान बाशिंदे भी जाज़िबीयत के पाबंद हैं, एक-दूसरे से बँधे हैं, हर कोई किसी के गिर्द चक्कर काटता है। साइंस वाले जानते हैं कि परमाणु के भीतर मौजूद इलेक्ट्रॉन तक न्यूट्रॉन से दूर जाने से इनकर करता है। किसी जतन से परमाणु के भीतर मौजूद इस मोहब्बत के धागे को बिखराने की कोशिश करो यों फटता है कि विध्वंस पर उतर आता है।

मेरा ख़याल है कि वैलेंटाइन डे मनाएँ तो ठीक, न मनाएँ तो भी ठीक। अगर हम किसी का नुक़सान नहीं करते तो नई नस्ल को अपनी आज़ादियों में जीने का हक़ देने में कोई हर्ज़ नहीं होना चाहिए। अगर बुज़ुर्गवार या तहज़ीब के ईमानदार पैरोकार इसकी मुख़ालफ़त करते हैं तो उनकी भी फ़िक्र काफ़ी हद तक जायज़ है। नई नस्ल को गुमराह होने से बचाना पुरानी नस्ल की ज़िम्मेदारी तो होनी ही चाहिए, पर नई नस्ल पर लानत भेजने से पहले यह ज़रूर सोचना चाहिए कि आख़िर इस नस्ल को गुमराह किसने किया? आज के बच्चों ने आख़िर कल के बड़ों से ही तो सीख ली है। दिलचस्प यह है कि एक तरफ़ जवान दिल धड़कना बंद नहीं कर सकते, तो दूसरी तरफ़ बाज़ार की ताक़तें इस मौक़े का फ़ायदा उठाने से भी भला क्योंकर बाज़ आएँगी? हालात कुछ ऐसे ही दिख रहे हैं कि वैलेंटाइन को जितना ही रोकने की कोशिश करेंगे, यह उतना ही बहसों में आएगा और दिन-ब-दिन अपने पाँव पसारता जाएगा। कहते हैं कि आज की तारीख़ में पश्चिमी मुल्कों से निकल कर यह क़रीब डेढ़ सौ मुल्कों में मनाया जाने लगा है और करोड़ों डॉलर के गिफ्ट का कारोबार होने लगा है। बेहतर है कि पाबंदियों के बजाय इसके जज़्बे को अज़मत की बलंदियों पर ले जाया जाए। वैसे भी हिंदुस्तान से बेहतर वैलेंटाइन और कौन-सा मुल्क मना सकता है! मौसम-ए-बहार जब शबाब पर होता है तो ऐन वक़्त पर हर साल मनाई जाने वाली होली आख़िर मोहब्बत का ही तो तेहवार है। वैलेंटाइन का इससे बड़ा जश्न भला और क्या हो सकता है! इस मुल्क की ख़ूबी देखिए कि यहाँ इश्क़ के देवता का भी मौसम आता है।

माना कि जिस्मानी मोहब्बत में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है, पर सोचती हूँ तो लगता है कि सारी कायनात ही मोहब्बत की किसी डोर में बँधी है। सूरज, चाँद, सितारे..कहकशाँ के सारे बेजान बाशिंदे भी जाज़िबीयत के पाबंद हैं, एक-दूसरे से बँधे हैं, हर कोई किसी के गिर्द चक्कर काटता है। साइंस वाले जानते हैं कि परमाणु के भीतर मौजूद इलेक्ट्रॉन तक न्यूट्रॉन से दूर जाने से इनकर करता है। किसी जतन से परमाणु के भीतर मौजूद इस मोहब्बत के धागे को बिखराने की कोशिश करो यों फटता है कि विध्वंस पर उतर आता है। क्या ऐसा नहीं लगता कि किसी चीज़ की जितनी मुख़ालफ़त कीजिए, वह उतनी ही ताक़त से फैलने की कोशिश करती है। अलबत्ता, इश्क़ में जैसी दग़ाबाज़ियाँ चल रही हैं, उसे देखूँ तो मुख़ालफ़त करने वालों की चिंता को एकदम से नाजायज़ नहीं मान सकती, पर डंडे के बल पर तहज़ीब बचाने की जद्दोजहद भी मेरी समझ के बाहर है। यह मानती हूँ कि अपनी तहज़ीब की अच्छी-अच्छी बातों से जुदा होकर पराई रवायतों का पाबंद होना कोई ज़हानत भरा काम नहीं है, सो अपनी ज़मीन पर अपने पाँव जमाए ही रखना चाहिए, पर यह भी ख़याल रखना चाहिए कि तहज़ीब दिलों में बसती है, इसलिए इसे बचाना है तो दिलों पर राज करने से ही बात बन सकती है। तहज़ीब अगर पाक़ीज़ा है तो उसे बचाने का रास्ता नफ़रत का भला कैसे हो सकता है? तहज़ीब की अज़मत को भी मोहब्बत की दरकार है।

काश, ऐसा हो कि हमारे बड़े-बुज़ुर्ग और तहज़ीब के बाबत फ़िक्रमंद लोग आज के दिन किसी पार्क में किसी नौजवान जोड़े को वैलेंटाइन मनाते देखें तो उसके पास जाएँ और उसे कोई प्यारा-सा गुलदस्ता या छोटा-सा गिफ्ट देकर दुआ दें कि—‘प्यारे बच्चो, ज़िंदगी में एक-दूसरे के वास्ते ईमानदार बने रहना।’ हो-न-हो, बड़ों की इस दुआ से जिस्मानी दायरे में सिमटा इश्क़ भी कुछ रूहानी गहराई पा जाए और हमारी नई नस्ल मोहब्बत के असली मायने के एहसास से गुज़रने लगे।

ये सब महज़ मेरे ख़याल भर हैं, कोई फ़तवा नहीं। इन बातों सें किसी के दिल को कुछ तकलीफ़ पहुँची हो तो मुआफ़ कर दीजिएगा।

लेखिका : सौंदर्य नसीम
यह लेख Saundarya Naseem की फेसबुक वॉल से लिया गया है। यह उनके निजी विचार है।






Related Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...