लखनऊ: देश में संवैधानिक समानता के अधिकार को आर्टिकल 30 सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। ये आर्टिकल अल्पसंख्यकों को धार्मिक प्रचार और धार्मिक शिक्षा की इजाजत देता है, जबकि इस देश के बहुसंख्यक हिन्दुओं को इस आर्टिकल का कोई भी लाभ नहीं मिलता है।
इस अति महत्वपूर्ण विषय को लेकर काफी समय से मंथन कर रहे सवर्ण महासभा फ़ाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेंद्र मणी त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है।
प्रधानमंत्री को लिखे इस पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि आर्टिकल 30 तुष्टिकरण का एक विकराल रूप ले चुका है जो कि आर्टिकल 14 का साफ तौर पर उल्लंघन है।
सवर्ण महासभा फ़ाउंडेशन द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में इस बात को लेकर चिंता जताने के साथ ही कहा गया है कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष का पक्षधर है तो यहाँ आर्टिकल 30 की क्या आवश्यकता है। आर्टिकल 30 ने हमारी गुरुकुल व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। आर्टिकल 30 के अंतर्गत चलने वाले सभी संस्थानो को सरकारी अनुदान मिलता है, जबकि गुरुकुल को कोई सुविधा नहीं मिल रही है।
सवर्ण महासभा फ़ाउंडेशन ने प्रधानमंत्री मोदी से पत्र के माध्यम से निवेदन किया है कि आर्टिकल 30 को यथाशीघ्र समाप्त किया जाये, जिससे आर्टिकल 14 को बचाया जा सके।
@शाश्वत तिवारी