भगवान शिव का प्रिय श्रावण मास चल रहा है ऐसे में भक्तगण भोलेनाथ को खुश करने में लगे हुए हैं । शास्त्र कहते हैं कि, शिवः अभिषेक प्रियः अर्थात शिव को अभिषेक अतिप्रिय है इसीलिए सभी सनातनधर्मी भगवान् श्रीरूद्र को प्रसन्न करने के लिए अनेकानेक प्रकार से उनका अभिषेक कर भक्तिभाव से पूजन-अर्चन भी आरंभ कर चुके हैं।
सम्पूर्ण श्रावण मास शिवशक्ति पृथ्वी पर निवास कर अपने भक्तों पर कृपावृष्टि करते हैं। शिवभक्त तरह-तरह के वस्त्रादि पहन कर भजन कीर्तन करते हुए कांवड़ द्वारा तीर्थजल अथवा गंगाजल शिवलिंग पर चढाते हैं जगह-जगह भंडारे लगते हैं समर्पण भाव से सभी एक दुसरे का स्वागत कर भोजन फलाहार आदि कराते हैं वातावरण पूर्णतः शिवमय रहता है।
इस माह में परमेश्वर के किसी भी रूप की पूजा-अर्चना करने वाले भक्त भी ॐ नमः शिवाय कहते हुए शिवमय हो जाते हैं। इस माह में किसी भी सोमवार के दिन ‘श्रीरुद्राभिषेक’ करने अथवा वैदिक विद्वानों द्वारा करवाने से घर से नहीं वरन कुल से ही दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा जैसे भूत-प्रेत बाधा, जादू-टोने से तो मुक्ति मिलती ही है अपितु जीवन में चंद्रमा द्वारा होने मानसिक पीड़ा भी शांत हो जाती है।
शिवपुराण में कहागया है कि किसी भी सोमवार को शिव-शक्ति का अभिषेक करने से प्राणी को दैहिक, दैविक और भौतिक तीनों तापों से मुक्ति मिल जाती है। इस माह में यदि एक बेलपत्र भी शिवलिंग पर अर्पण किया जाए तो वह अमोघ फलदायी कहा गया है।
श्रावण माह में जब सूर्यदेव कर्क राशि पर भ्रमण करते हैं तब सभी देवी-देवता, नाग, यक्ष, गंधर्व, किन्नर आदि दिव्यलोक वासी पृथ्वी पर आकर ‘श्रीरूद्र’ की प्रसन्नता हेतु उनका अभिषेक करते हैं यही नहीं इंद्र आदि देव, तिथि, वार, ग्रह, नक्षत्र एवं शिवगण आदि सभी श्रावण माह में पृथ्वी पर ही वास करते हुए अहर्निश मंत्र जाप एवं शिव कीर्तन करते हैं।
गृहस्थ व्यक्ति सावन के सोमवार को शिव चालीसा, रुद्रसूक्त, लिंगाष्टक, अथवा ‘ॐ नमः शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नमः शिवाय’ आदि मन्त्रों से भी अभिषेक करके ईष्ट कार्य सिद्ध कर सकते हैं।
शिवलिंग पर भांग, धतूर, बेलपत्र, पंचामृत, आदि चढाने एवं सर्पों को दूध पिलाने से जातकों की जन्मकुंडली में मारकेश ग्रहदशा, ग्रहण, पितृ एवं कालसर्प-दोष से ग्रसित पापदोषों से मुक्ति मिलती है, और उसाधक के वंश का विस्तार होता है। शिव जी का प्रसिद्द स्तवन मंत्र ‘काल हरो हर, कष्ट हरो हर, दुःख हरो दारिद्र्य हरो ! नमामि शंकर, भजामि शंकर, शंकर शंभो तव शरणम्, का भजन जीवन के सारे दुःख दूर करके खुशहाली लाएगा।