नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के अहम प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमे योगी सरकार ने मांग की थी कि मथुरा और वृंदावन में मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूल को आश्रय घर में रहने वाली विधवा महिलाओं को दिया जाए, जिससे वह फूल की माला बनाएं और ऑर्गेनिक रंग बनाने में इस्तेमाल करें और उनका जीवन यापन बेहतर तरह से हो। सरकार के इस प्रस्ताव से पहले इन फूलों को यमुना नदी में बहाया जाता था, लेकिन सरकार के प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद अब इन फूलों को इन विधवा महिलाओं को दिया जाएगा।
इस प्रस्ताव को मंजूरी देते वक्त जस्टिस एमबी लोकुर और दीपक गुप्ता ने कहा कि इससे यमुना नदी को भी साफ रखने में मदद मिलेगी और विधवा महिलाओं को रोजगार मिलेगा। योगी सरकार की ओर से यह प्रस्ताव अडिशनल एडवोकेट जनरल ऐश्वर्या भाटी ने दायर किया था। राज्य सरकार ने यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट में दिया था, जिसमे कहा गया था कि वह महिलाओं को रोजगार दिलाने के लिए 1.67 करोड़ रुपए की इस योजना को शुरू करना चाहती है।
सरकार की ओर से कहा गया था कि वह प्रदेश में आश्रय घर में रहने वाली विधवा महिलाओं को उत्तर प्रदेश महिला कल्याण निगम के जरिए वृंदावन में रोजगार मुहैया कराना चाहती है, इसके लिए वह इस 1.67 करोड़ रुपए की योजना की शुरुआत करना चाहती है। इसमे कहा गया है कि मौजूदा समय में इस फूल को यमुना नदी में फेंका जाता है या फिर इसे सड़क पर फेंका जाता है, जिससे कि प्रदूषण होता है। इस योजना के तहत एक सोसाइटी का भी गठन कर दिया गया है जिसकी निगरानी डीएम करेंगे।