नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने गुजरात में आसाराम के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के एक मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति एनवी रमाना की पीठ को गुजरात सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि मामले में ट्रायल जारी है और अभी 210 गवाहों की अभी जांच होनी बाकी है।
पीठ ने जमानत याचिका रद्द करते हुए कहा कि निचली अदालत ट्रायल जारी रखे और वह गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा दी गई प्रथम दृष्टया टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना अपना काम जारी रखें। सूरत की रहने वाली दो बहनों ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ दुष्कर्म और बंदी बनाकर रखने के अलावा अन्य मामलों में अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई है।