नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार को गरीबों के लिए शेल्टर के मामले में जमकर फटकार लगई है। कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा है कि पिछले तीन सालों में आपने शेल्टर को लेकर कुछ नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि 2014 अक्टूबर में जो हलफ़नामा आपने दायर किया था उसके मुताबिक हरियाणा में 6107 शेल्टर थे, आपने अभी जो हलफ़नामा दायर किया है उसमें अभी भी 6107 शेल्टर हैं। इसका मतलब ये है कि आपने पिछले तीन सालों में कुछ नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा आपने तीन सालों में क्या किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ यूपी सरकार से भी नाराजगी जताई है।
- सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
1- कोर्ट ने कहा कि सिर्फ हलफनामे में ये कहने से कि हम काम कर रहे हैं, इससे काम नहीं चलेगा। अगर सरकार गंभीर है और उसे काम पर गर्व है तो बताए कि क्या काम किया है। सरकारें कहती हैं कि नए अर्बन शेल्टर बनाएंगे ये कब शुरू होगा।2- कितना पैसा, कितना वक्त लगेगा, क्या सुविधाएं होंगी. कोर्ट ने कहा कि ये वो लोग नहीं हैं जो अपनी इच्छा से गरीब हैं, घर नहीं चाहते, सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए. ठंड की शुरुआत हो रही है, लोगों को जरूरत है लेकिन सरकार को ये नहीं पता कि कितने लोग शेल्टरों में रह रहे हैं?
3- उनके लिए खाना कहां से आ रहा है, क्या वो भीख मांगकर खाते हैं, क्या उनके सोने की व्यवस्था है या नाइट शेल्टर के फर्श पर सो रहे हैं? कोर्ट ने कहा कि यूपी में 1.80 हजार लोग बेघर हैं और सरकार ने सिर्फ 6 हजार लोगों के लिए व्यवस्था की है। बाकी 1.74 लाख लोग कैसे गुजर-बसर कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा कि रैन बसेरों में निर्माण की स्थिति क्या है? कितना पैसा लग रहा है? कितने बनवाए गए हैं?
4- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि नाइट शेल्टरों को लेकर योजना खत्म क्यों नहीं कर देते? सरकार अपना पैसा नाले में क्यों बहा रही है? 1000 करोड़ रुपये किसी और काम में खर्च करें? इस पर गंभीरता से विचार करें। ये टैक्सपेयर के पैसे का दुरुपयोग है।