नई दिल्ली- नोटबंदी पर देश भर में दर्ज मुकदमों की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट से कहा है कि इस मसले पर दर्ज नए मुकदमों की सुनवाई न करें। अब तक दर्ज मामलों को अपने पास ट्रांसफर करने की केंद्र की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।
आज सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी पर कोई भी अंतरिम आदेश जारी करने से मना कर दिया। कोर्ट ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 9 बड़े सवाल तय करते हुए इसे 5 जजों की संविधान पीठ के पास भेज दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने ज़िला सहकारी बैंकों को लेन-देन करने की इजाज़त देने से मना कर दिया है। कोर्ट ने सरकार की इस दलील को माना कि सहकारी बैंकों के पास खाताधारकों की पूरी जानकारी नहीं है। अगर ज़िला सहकारी बैंकों को पैसे जमा करने की इजाज़त दी गयी तो बड़े लोगों का काला धन जमा होने लगेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने हर हफ्ते 24 हज़ार रुपये निकालने की सीमा में बदलाव या उसे सख्ती से लागू करने का निर्देश देने से मना कर दिया है। कोर्ट ने अस्पताल, मेडिकल स्टोर वगैरह में पुराने नोट लिए जाने की मियाद बढ़ाने से भी इंकार किया है। कोर्ट ने माना है कि सरकार लोगों की समस्याओं को लेकर गंभीर है। उन्हें दूर करने के लिए पूरी ज़िम्मेदारी से काम किया जा रहा है। मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो 9 सवाल तय किए हैं।
उनमें से कुछ सवाल हैं :-
* क्या 8 नवंबर का नोटिफिकेशन कानूनन सही था
* नोट निकालने और बदलने पर रोक-टोक क्या लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है
* क्या मौद्रिक नीति (fiscal policy) से जुड़े मामलों पर कोर्ट में सुनवाई हो सकती है
सुप्रीम कोर्ट के आज के आदेश को केंद्र सरकार के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। कोर्ट ने न सिर्फ कोई भी अंतरिम आदेश देने से मना कर दिया, बल्कि आज के आदेश से ये साफ हो गया है कि मामले की सुनवाई अब सिर्फ बड़े संवैधानिक सवालों पर ही होगी।