नई दिल्ली- दही हांडी में 20 फीट से ऊपर का पिरामिड बनाने पर पाबंदी जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में बांबे हाईकोर्ट के आदेश को जारी रखा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को ‘गोविंदा’ की टोली में शामिल नहीं किया जाए। ऐसे में अब 20 फीट से उंची दही हांडी नहीं लगाई जा सकेगी।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से जन्माष्टमी पर होने वाले दही हांडी को लेकर स्पष्ट निर्देश की मांग की थी। महाराष्ट्र सरकार ये जानना चाहती थी कि दही हांडी के लिए बनने वाले मानव पिरामिड और उसमें बच्चों की भागीदारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश है या नहीं?
दरअसल, 2014 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने 20 फीट से ऊपर का पिरामिड बनाने पर पाबंदी लगा दी थी। इस बीच महाराष्ट्र सरकार की तरफ से आज एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ये मसला सुप्रीम कोर्ट में उठाया था।
हाईकोर्ट ने 18 साल से कम के बच्चों की भागीदारी को भी बंद करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ दही हांडी आयोजकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था। 14 अगस्त, 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने जन्माष्टमी बिल्कुल नज़दीक होने की वजह से हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। उस वक़्त सुप्रीम कोर्ट ने 12 साल से ऊपर के बच्चों को मानव पिरामिड का हिस्सा बनने की इजाज़त भी दे दी थी।
हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने और कोई आदेश दिए बिना मामला खत्म कर दिया था। अब हाईकोर्ट में ये कहते हुए अवमानना याचिका दायर की गई है कि 2015 में हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हुआ। इस साल भी ऐसा होने जा रहा है। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार ने जानना चाहती थी कि हाई कोर्ट का फैसला अब भी प्रभावी है या नहीं।
खुद बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से स्थिति पर स्पष्ट निर्देश लेने का कहा था। गौरतलब है कि दही हांडी के दौरान छोटे बच्चों को मानव पिरामिड पर चढ़ने के दौरान कई दुर्घटनाएं सामने आई थीं। यहां तक कि बिना सुरक्षा इंतजामों के ही कई बच्चों से ऐसा कराए जाने की तस्वीरें आईं थी। इसके बाद इस मामले को सर्वोच्च अदालत ने गंभीरता से लिया था।
नाबालिग ‘गोविंदा’ और 20 फीट से उंची दही हांडी पर रोक