भोपाल स्थित माखनलाल पत्रकारिता यूनिवर्सिटी के महाघोटाले में FIR के बाद अब EOW एक्शन में आ गई है।
EOW ने शासन की जिस रिपोर्ट के आधार पर FIR दर्ज की गई थी, उसी के आधार पर विश्वविद्यालय प्रबंधन से 15 दिन के अंदर तमाम दस्तावेज़ देने के लिए कहा है। इन्हीं दस्तावेजों की पड़ताल के बाद आरोपियों के ख़िलाफ आगे कार्रवाई की जाएगी।
माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय में घोटालों और गड़बड़ियों की जांच कर रही समिति के पास 181 शिकायतें पहुंची थीं।
इन शिकायतों में भोपाल, नोएडा परिसर में हुई नियुक्तियां, बिखनखेड़ी में विश्वविद्यालय के नये कैंपस निर्माण, विश्वविद्यालय के नाम पर की गई तमाम ख़रीदी और लोगों को उपकृत करने जैसे मामले सामने आए थे।
इन शिकायतों की जांच के लिए 19 जनवरी को जनसंपर्क विभाग के एसीएस एम गोपाल रेड्डी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनायी गयी थी।
समिति ने विश्वविद्यालय में 2003 के बाद की गई सभी नियुक्तियों सहित विश्वविद्यालय में विभिन्न स्त्रोतों से आई शिकायतों की जांच की थी।
उसी जांच रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने पूर्व कुलपति बृज किशोर कुठियाला सहित 20 प्रोफेसरों पर एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर दर्ज हुए 10 दिन से ज़्यादा समय हो चुका है। अब जांच में तेज़ी आयी है।
EOW ने एमयूसी प्रबंधन को 15 दिन का समय दिया है। इन 15 दिन में कुठियाला सहित जिन 19 प्रोफेसरों पर आरोप लगे हैं, उन आरोपों को लेकर तमाम दस्तावेज मांगे गए हैं।
दस्तावेज़ों की पड़ताल के बाद आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। बात गिरफ़्तारी तक जा सकती है।
EOW की एक स्पेशल टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है।प्रबंधन के साथ खुद अधिकारियों की टीम भी दस्तावेज़ इकट्ठा कर रही है।