भोपाल – सिमी आतंकियों के केंद्रीय जेल से भागने का कनेक्शन पता लगाने में जुटी भोपाल पुलिस और जांच टीमें 7 दिन बाद भी दो संदिग्धों की तलाश नहीं पाई है। इन्हें एनकाउंटर के दौरान आसपास देखा गया था। उनकी तलाश में पुलिस ने जेल के आसपास 60 नए मकान में किराए से रह रहे 200 लोगों की सूची तैयार कर उनसे पूछताछ भी की, लेकिन कोई खास सुराग नहीं मिला है। पुलिस के सामने अब भी मारे गए आतंकियों के मकसद और मददगार की गुत्थी बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक आरोपियों के भागने से लेकर मारे जाने तक की जांच जेल अधिकारी, भोपाल पुलिस, एटीएस, सीआईडी और विशेष जांच टीमें कर रही हैं। सभी अपने-अपने स्तर पर अलग-अलग कड़ियों को जोड़ने में लगे हुए हैं। हालांकि जांच सिर्फ मददगार और मकसद पर आकर ठहर जा रही है।
सप्ताह भर की जांच के बाद भी दोनों सवाल जस के तस हैं। ऐसे में पुलिस जांच की दिशा तय नहीं कर पा रही है। इधर, दिल्ली की तिहाड़ जेल से भी एटीएस की टीम वापस आ गई है, लेकिन सिर्फ इतना पता करके कि आतंकी कई दिनों से जेल से फरार होने की योजना बनाने की तैयार कर रहे थे। एटीएस की एक टीम खंडवा में भी डेरा डाले हुए हैं।
शुक्रवार देर रात एसटीएफ और पुलिस ने जेल के पास नई बस्ती इलाके में मुखबिर की सूचना पर एक घर में दबिश दी थी। जहां से दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। काफी पूछताछ के बाद भी जब कोई सुराग नहीं मिला तो पुलिस ने संदिग्धों को छोड़ दिया, हालांकि अब भी जेल के करीब 10 किमी के दायरें में हर व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है।
जेल में तीन गिरोहों में से मारे गए सभी आतंकी जाकिर हुसैन के गिरोह थे। हालांकि इनका एक साथी बच गया। उसके अस्पताल में भर्ती होने के कारण वह उसे भगाने में नाकाम रहे। पुलिस उससे पूछताछ कर उनके इरादों के बारे में पता लगाने का प्रयास कर रही है।
भेापाल की क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की एक टीम कॉल डिटेल खंगाल रही है। पुलिस ने करीब 500 कॉल जांच के लिए हैं। इन फोन नंबर पर या तो वारदात के दौरान कॉल आय या फिर गए। हालांकि दीपावली होने के कारण शुभकमनांओं के संदेश ने जांच दल की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। जांच के बाद 300 कॉल को सर्विलांस पर लगाया गया है।
पुलिस ने आरोपियों से जब्त हथियारों को बेलेस्टिक जांच के लिए सागर भेजा है। जांच में यह पता चल पाएगा कि बरामद हथियार से कितने और कौन से फायर हुए। जब्त कट्टों से मिला बारूद मृतकों के हाथ पर पाए गए बारूद से भी मिलान करना होगा। पुलिस को वहां की रिपोर्ट का इंतजार है। इसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।