लखनऊ- भारत सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग के अध्ययन हेतु गठित सचिव स्तरीय समिति के सम्बन्ध में आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर की याचिका पर केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच ने बुधवार को केंद्र सरकार से 10 दिनों में जवाब मांगा है। सुनवाई की अगली तिथि 15 फ़रवरी नियत की। नवनीत कुमार और जयति चंद्रा की बेंच ने यह आदेश अमिताभ और केंद्र सरकार के अधिवक्ता बी बी त्रिपाठी को सुनने के बाद जारी किया !
अमिताभ ने याचिका में कहा है कि सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एके माथुर और सदस्य डॉ रथिन रॉय ने यह संस्तुति की थी कि आईएएस तथा आईपीएस एवं अन्य सेवाओं के मध्य सेवा में समानता रखी जाये जबकि उसके रिटायर्ड आईएएस सदस्य विवेक रे ने आईएएस की श्रेष्ठता बरक़रार रखने की संस्तुति की।
अमिताभ के अनुसार आयोग की संस्तुति के अध्ययन के लिए बनाई गई इस सचिव समिति में 13 में से 9 सदस्य आईएएस अफसर हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुसार कोई व्यक्ति अपने मामले में निर्णयकर्ता नहीं हो सकता, अतः उन्होंने आईएएस, आईपीएस एवं अन्य सेवाओं के मध्य सेवा शर्तों की समानता के सम्बन्ध में अध्ययन किसी निष्पक्ष समिति द्वारा कराये जाने की प्रार्थना की है।