बिहार में एक वकील ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत कई अन्य नेताओं के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करवाया है।
वकील ने ये मामला पश्चिमी चंपारण की बेतिया अदालत में इसलिए दर्ज करवाया है क्योंकि इन नेताओं ने अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने का विरोध किया था।
वकील का कहना है, “अदालत ने मामले पर संज्ञान लिया है। अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी।”
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वाईस प्रेजिडेंट उमर अब्दुल्ला ने सरकार के इस कदम की निंदा की है।
अब्दुल्ला ने क्षेत्र में अधिक सैनिकों की तैनाती का विरोध किया और कहा था कि ये फैसला अवैध, असंवैधानिक और एकतरफा है।
वहीं पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती ने इसे लेकर कड़ा विरोध जताया था। इतना ही नहीं महबूबा ने धमकी तक दे डाली थी।
महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि आज का दिन देश के लोकतंत्र में काला दिन है। धारा 370 को रद्द करने का एकतरफा फैसला गैरकानूनी और असंवैधानिक है।
इसके बाद दूसरे ट्वीट में महबूबा ने कहा था कि 370 को रद्द करने के परिणाम भयावह होंगे। भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं। वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को भयभीत और आतंकित करके इसे पाना चाहते हैं। भारत ने अपने वादों को नहीं निभाया है।
एक और ट्वीट में महबूबा ने लिखा था कि हम जैसे लोग जिन्होंने संसद में विश्वास रखा, उस लोकतंत्र के मंदिर से हमें धोखा मिला है।