खंडवा – आदिवासी महिला और बच्चों के उत्थान के लिए काम करने वाली खंडवा की महिला सीमा माइकल प्रकाश को वर्ष 2014 के स्त्री शक्ति पुरस्कार से नवाजा जाएगा , महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा दिया जाने वाला यह अवार्ड अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में सीमा प्रकाश को दिया जाएगा। जो खंडवा जिले के साथ प्रदेश के लिए भी गौरव की बात है।
इस सम्बन्ध में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय {भारत सरकार} सलाहकार कीर्ति सक्सेना के द्वारा भेजा गया पत्र सीमा प्रकाश को प्राप्त हुआ है , जिसमे उन्हें अवार्ड दिए जाने की जानकारी दी गई हैं ।पत्र के अनुसार स्त्री शक्ति पुरस्कार वर्ष 2014 [ रानी लक्ष्मी बाई अवार्ड ] के लिए सीमा का नाम चयनीय किया गया है। सीमा प्रकाश को यह पुरस्कार राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में दिया जाएगा। कानपुर में जन्मी सीमा प्रकाश वर्ष 1998 से मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में रहते हुए , खंडवा के आदिवासी विकासखण्ड खालवा में आदिवासियों के उत्थान हेतु अपनी संस्था स्पंदन समाज सेवा के माध्यम से काम कर रही है , उन्हें समाज सेवा में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सीमा प्रकाश को फादर अलेक्स मेमोरियल अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।
भारत शासन, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा सामाजिक विकास के क्षेत्र में महिलाओं के विशिष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पांच स्त्री शक्ति पुरस्कार (देवी अहिल्या बाई होल्कर पुरस्कार, कन्नगी पुरस्कार, माता जीजा बाई पुरस्कार, रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार, रानी गैडिंल्यू जेलियंग पुरस्कार) दिये जाते है। वर्ष 2007 से छठवें व्यक्तिगत पुरस्कार के रूप में रानी रूद्रम्मा देवी पुरस्कार सम्मिलित किया गया है । यह पुरस्कार पुरूष अथवा महिला को उत्कृष्ट प्रशासनिक योग्यता, नेतृत्व क्षमता एवं साहसिक गतिविधियों के लिए दिया जावेगा । पुरस्कार हेतु रू. 3.00 लाख एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान करने का प्रावधान है । पुरस्कार के लिए चयनित खंडवा की सीमा प्रकाश ने कहा की इससे उनकी जिम्मेदारियां और बढ़ गई है। आदिवासी महिलाओं को सशक्त बनाने के उनके अभियान को इस पुरस्कार से बल मिलेगा।
पुरस्कार हेतु चयनित महिला सीमा प्रकाश के कार्य में कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करने वाले सीमा के जीवनसाथी प्रकाश माइकल को इस बात की ख़ुशी है की उनके काम को सराहा गया ,विश्वास नहीं था की इतना बड़ा पुरस्कार हमे मिलेगा , हम उन ग्रामीणो का धन्यवाद अदा करते है , जिनके बदौलत हम यहां तक पहुँच पाये , सीमा का एक सपना है की जिले का आदिवासी विकासखण्ड खालवा , कुपोषण मुक्त हो सके। जिसके लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित किया , उसके लिए यह बहुत ही उपयुक्त पुरस्कार है।