पाकिस्तान ने कहा कि भारतीय उच्चायोग ने उसे सूचित किया है कि एक भारतीय महिला ने खुद को वापस भारत भेजने का अनुरोध किया है। हालांकि महिला के पाकिस्तानी पति का आरोप है कि मिशन ने उसकी पत्नी को रोक कर रखा हुआ है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने एक बयान में कहा कि ‘‘भारतीय उच्चायोग ने विदेश मंत्रालय को सूचित किया है कि एक भारतीय नागरिक, मोहतरमा उजमा (20) ने उनसे संपर्क कर, स्वयं को भारत वापस भेजने का अनुरोध किया था।’’
जकारिया ने कहा, ‘‘भारतीय उच्चायोग के मुताबिक, उसका दावा है कि वह मोहतरम ताहीर की विवाहिता हैं और आरोप लगाया कि उसे ताहिर के पहले से शादी-शुदा होने और चार बच्चों के पिता होने की सूचना बाद में मिली।’’ जकारिया का बयान, पाकिस्तानी व्यक्ति द्वारा भारतीय उच्चायोग पर उसकी नवविवाहिता भारतीय पत्नी को रोक कर रखने का आरोप लगाये जाने के बाद आया है। व्यक्ति का कहना है कि दोनों उसके लिए वीजा का आवेदन देने गये थे। हालांकि, नई दिल्ली स्थित सरकार में मौजूद सूत्रों ने बताया कि भारतीय महिला ने पांच मई को इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से मदद मांगी थी।
उन्होंने बताया कि उच्चायोग उन्हें जरूरी राजनयिक मदद मुहैया कर रहा है और इस विषय पर पाक विदेश कार्यालय तथा भारत स्थित लड़की के परिवार से संपर्क में है। नयी दिल्ली की रहने वाली उजमा और पाकिस्तानी नागरिक ताहिर मलेशिया में मिले थे और एक दूसरे से प्रेम करने लगे। इसके बाद उजमा वाघा सीमा होते हुए एक मई को पाकिस्तान गई। दोनों ने तीन मई को निकाह किया। ताहिर के मुताबिक वे दोनों उच्चायोग भवन गए और वीजा फॉर्म तथा अपने फोन अधिकारियों को सौंपे। इसके बाद अधिकारियों द्वारा बुलाए जाने पर उजमा अंदर गई जबकि वह बाहर ही रहा।
जब कई घंटों बाद उसकी पत्नी नहीं लौटी, तब ताहिर ने अधिकारियों से उसके बारे में पूछताछ की, जिन्होंने दावा किया कि वह वहां नहीं हैं। ताहिर ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनके तीन मोबाइल फोन उन्हें वापस करने से मना कर दिया। ताहिर ने कहा कि उन्होंने सचिवालय पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई। पहले मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक, जकारिया ने कहा था कि उजमा भारतीय उच्चायोग भवन में ‘‘फंसी’’ हुई है।