केंद्र और राज्यों को 15 दिन के भीतर उन्हें उनके घर वापस भेजने का इंतजाम करने का आदेश दिया है, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रेन की मांग के 24 घंटे के अंदर केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त ट्रेनें प्रवासी मजदूरों को दी जाएं और इसमें जरा सी भी कोई कोताही ना हो, यही नहीं कोर्ट ने राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि वो प्रवासी मजदूरों के लिए काउंसलिंग सेंटर की स्थापना करें।
नई दिल्ली: प्रवासी मजदूरों के मामले पर बड़ा फैसला सुनाते हुए देश की सुप्रीम अदालत ने मंगलवार को केंद्र और राज्यों को 15 दिन के भीतर उन्हें उनके घर वापस भेजने का इंतजाम करने का आदेश दिया है, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रेन की मांग के 24 घंटे के अंदर केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त ट्रेनें प्रवासी मजदूरों को दी जाएं और इसमें जरा सी भी कोई कोताही ना हो, यही नहीं कोर्ट ने राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि वो प्रवासी मजदूरों के लिए काउंसलिंग सेंटर की स्थापना करें।
इसके साथ ही उनकी स्किल की मैपिंग की जाए, जिससे रोजगार देने में मदद हो,अगर मजदूर वापस काम पर लौटना चाहते हैं तो राज्य सरकारें उनकी पूरी मदद करें, साथ ही उच्चतम न्यायालय ने ये भी कहा कि पलायन के दौरान मजदूरों पर दर्ज किए गए लॉकडाउन उल्लंघन के मुकदमे वापस लिए जाएं, सभी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया जाए।
Supreme Court has ordered that migrant workers are to be transported back to their home towns within 15 days. All cases registered against migrants who have allegedly violated lockdown orders to be considered for withdrawal under the Disaster Management Act, 2005 pic.twitter.com/OdUg9slOsh
— ANI (@ANI) June 9, 2020
सुपीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से मजदूरों को रोजगार देने के लिए स्कीम बनाने का आदेश दिया है, इसके बारे में प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देनी होगी, कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से कहा, प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार की योजनाएं लाई जाएं और उनकी कार्यकुशलता का डाटा तैयार करें। आपको बता दें कि इससे पहले 5 जून को केंद्र ने सुप्रीमकोर्ट को बताया था कि 3 जून तक 4228 ट्रेनों से करीब 1 करोड़ प्रवासी मजदूर पहुंचाए गए हैं, उस दिन कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
‘Centre and states have to prepare a list for identification of migrant workers in a streamlined manner. Employment relief to be mapped out and skill-mapping to be carried out to migrant labourers’, Supreme Court said in its order. https://t.co/Nt7oy2K81R
— ANI (@ANI) June 9, 2020